नये साल पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को एक खुशखबरी दे सकता है। केंद्र सरकार के दवाब और ग्राहकों की आलोचना के बाद एसबीआई बचत खातों के लिए न्यूनतम जमा राशि रखने की शर्त को हटा सकता है। फिलहाल एसबीआई के बचत खाते में कम से कम तीन हजार रुपये रखना जरूरी है, अन्यथा ग्राहक को बतौर जुर्माना कुछ रकम का भुगतान करना पड़ता है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बैंक न्यूनतम जमा राशि की सीमा एक हजार रुपये कर सकता है। साथ ही खाते में हर माह एक निश्चित रकम बनाए रखने की शर्त को भी बदल सकता है।
गौरतलब है कि स्टेट बैंक द्वारा न्यूनतम जमा और एवरेज क्वाटर्ली बैलेंस न रखने पर जो रकम बतौर जुर्माना ली जाती है वो देश में सबसे ज्यादा है। यदि एसबीआई यह राहत लागू करता है तो इसका फायदा देश के एक बड़े तबके को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि अभी शहरी बैंक शाखाओं के जमा खातों में न्यूनतम तीन हजार रुपये रखना आवश्यक है। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्टेट बैंक ने न्यूनतम बैलेंस के नाम पर वसूली जाने वाली राशि से अप्रैल 2017 से नवंबर 2017 के बीच 1,772 करोड़ रुपये अर्जित किये हैं।
स्टेट बैंक के सामान्य बचत खातों के लिए न्यूनतम जमा राशि की सीमा तीन हजार रुपये है, जो कि सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों की तुलना में काफी ज्यादा है। हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में यह काफी कम भी है। आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक, कोटक तथा एक्सिस बैंक में न्यूनतम बैलेंस की सीमा दस हजार रुपये है। बैंको का कहना है कि बड़ी संख्या में जनधन खाता खोलने की वजह से बैंकों की ऑपरेशनल लागत काफी बढ़ गई है और इसी वजह से उन्हें यह जुर्माना और न्यूनतम बैलेंस तय करना पड़ा था।