यूपी में भाजपा के सत्ता में आते ही गोमांस को लेकर मचा बवाल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ बूचड़खानों को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं वहीं दूसरी ओर ऐक ऐसा सच सामने आया है जिसे सुनकर तमाम भाजपाइयों और आरएसएस के नेताओं सहित सभी हिंदुओं के पांव के नीचे से जमीन खिसक जाएगी।
इस ताजा विवाद के बीच आरएसएस के मुखपत्र आर्गनाइजर में छपे एक लेख में चौकाने वाला खुलासा हुआ है जिसमें कहा गया है कि वैदिक काल में गोमांस खाने पर हो रहा विवाद ब्रिटिश राज की गंदी राजनीति की देन है। इस लेख में कहा गया कि ब्रिटिश सरकार ने लेखकों को फिर से इतिहास लिखने के लिए कहा था जिसके एवज में एक बड़ी राशि का भुगतान उन सभी को किया गया था। मुखपत्र में दावा किया गया है कि वेदों में गोमांस खाने तथा गोकशी की अनुमति है।
मुखपत्र के संपादकीय में बताया गया है कि बंगाल में धर्मनिरपेक्ष उत्तेजना का एक बहुत बड़ा दंश झेल रहा है जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुहर्रम के चलते राज्यभर में 23 और 24 अक्टूबर को दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बात से यह सवाल बार बार खड़ होता है कि क्या यह किसी धार्मिक समुदाय की आपत्ति पर किया गया था। वहीं ममता बनर्जी के इस कारनामें पर आरएसएस ने भी गोकशी विवादों और गोमांस खाने को लेकर बढ़ रही असहिष्णुता पर करारा पलटवार करते हुए कहा है कि हिंदू धर्म का आधार केवल सहिष्णुता नहीं बल्कि सभी धर्मों को स्वीकारना है।
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