सुप्रीम कोर्ट की दिक्कतों को लेकर जनता के बीच आए चार जजों में से एक ने यह मान लिया था कि इसका हल न्यायालय के अंदर ही ठीक है। तो अब ये बात सामने आने लगी है कि 21 जजों के साथ क्यों जनता के बीच आए 4 जजों ने आपसी सहमति से रास्ता नहीं निकाला? यानी कि पहले सुप्रीम कोर्ट के चार जज जनता के बीच ये बताने आए कि सब कुछ ठीक नहीं है तो अब विचार किया गया है कि इन चार जजों के अलावा बाकी 21 जज अब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मिलने वाले हैं। उम्मीद की जा रही है कि ये सम्मेलन अगले हफ्ते किया जाएगा। बता ये भी दें कि कल जस्टिस कुरियन ने जो कि चार जजों में शामिल है, इस विचार पर कायम हुए कि सब कुछ ठीक तो सुप्रीम कोर्ट के अंदर ही होगा। चारों जजों में दो का लगभग बाकी 21 जजों से मेलजोल ठीक वहीं बाकी दो थोड़ा इस विषय पर दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में खबर तो आ रही है कि बाकी 21 जजों के चीफ जस्टिस से मिलने का उद्देश्य इस मामले को सुलझाना है जो बीते शुक्रवार को हुआ।
आपको याद होगा कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये बात जनता के बीच रखी थी कि भारतीय लोकतंत्र को खतरा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इन चारों जजों ने चीफ जस्टिस पर ये आरोप लगाए थे कि वो रोस्टर को अपने तरीके से चला रहे थे। यानी कि किस बेंच को कौन से मामले की सुनवाई करनी है इसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा अपनी मनमानी चला रहे हैं।
जिन चार जजों ने शुक्रवार को मीडिया के सामने आकर देश की सर्वोच्च अदालत की अनियमितताओं को उजागर किया और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की निष्ठा पर सवाल उठाए उनमें जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं।