नई दिल्ली : दिल्ली की महिलाओं में मोटापे की बीमारी बढ़ती जा रही है। पिछले 10 साल में दिल्ली की महिलाओं में 8-10 पर्सेंट मोटापे की बीमारी बढ़ी है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापे की बीमारी लगभग 10 पर्सेंट ज्यादा है। चिंता की बात यह है कि महिलाओं और पुरुषों में मोटापे का अंतर पहले भी इतना ही था और आज भी इतना ही है। नैशनल हेल्थ फैमिली सर्वे में यह बात सामने आई है। 21 फरवरी 2016 से 14 सितंबर 2016 के बीच यह सर्वे दिल्ली के 6,050 लोगों पर किया गया, जिसमें 5,914 महिलाएं शामिल थीं। इस सर्वे में महिलाओं में मोटापा, एनीमिया, एचआईवी की जानकारी, कंडोम का यूज, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और हिंसा को शामिल गया है।
सबसे चौंकाने वाला फैक्ट्स महिलाओं में मोटापे की बढ़ती समस्या है। महिलाओं में पुरुषों से ज्यादातर ओवरवेट होने के कई कारण हैं। एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के बैरिएट्रिक सर्जन डॉक्टर प्रबल रॉय का कहना है कि महिलाओं में मोटापे की पीछे बायोलॉजिकल फैक्टर काम करता है।
अपने देश की महिलाओं में फैट सेल, दुनिया के बाकी महिलाओं और भारतीय पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है। महिलाओं में बॉडी फैट पुरुषों से 10 पर्सेंट ज्यादा होता है। यह फैट जहां महिलाओं में 25 पर्सेंट होता है, वहीं पुरुषों में केवल 15 पर्सेंट होता है। इस बारे में अपोलो स्पेक्ट्रा के बैरिएट्रिक सर्जन डॉक्टर एस. एस. सग्गू ने बताया कि महिलाओं में एस्ट्रोजोन नामक हार्मोन होता है। यह उनका मूड बदलता है।
महिलाओं का मूड जब बदलता है, तो वे इससे बचने के लिए कुछ खाने लगती हैं। साथ में महिलओं में फैट बर्न की क्षमता कम होती है, क्योंकि फिजिकल एक्टिविटी कम करती हैं। खासकर शहरी महिलाओं में उनका रहन-सहन और खानपान भी उनकी मोटापे की बड़ी वजह है। बर्गर और मोमोज जैसी चीजें उनका वजन बढ़ा रही हैं।
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