जस्टिस मोहंती पर आरोप है कि उन्होंने जज के लिए बनाई गई आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कटक में एक होटल खरीदा, पांच फ्लोर की बिल्डिंग बनाने का आदेश दिया जबकि वहां पर तीन फ्लोर बनाने की ही इजाजत थी और महिलाओं की नियुक्ति के खिलाफ आदेश जारी किए। वहीं साहू पर आरोप है कि उन्होंने एडिशनल जज के पद पर रहते हुए अपने आधिकारिक आवास का नवीकरण करने के लिए जनता के पैसों का दुरुपयोग किया।
आरटीआई कार्यकर्ता जयंता ने पुरी की जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने बयान दर्ज करवाए। उन्हें पुरी की एक कोर्ट ने 6 साल की सजा दी है। उनपर आरोप है कि उन्होंने नकली ऑनलाइन ईमेल आईडी और प्रोफाइल बनाई और उन्हे पोर्न साइट पर पोस्ट कर दिया। यदि जांच में दोनों जज आरोपी पाए जाते हैं तो सीजेआई उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से इन दोनों को इस्तीफा देने के लिए कह सकती है। ऐसा ना करने की स्थिति में सीजेआई राष्ट्रपति से उनके खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया को शुरू करने के लिए भी कह सकती है।