संभवत: भारतीय राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है, जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मर्यादा को तार-तार करने का आरोप लगाया है।बहुत जल्द CM योगी दे सकते हैं शिक्षकों को बड़ी खुशखबरी, कैबिनेट की हरी झंडी का इंतजार….
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शालीन और संयमित भाषा के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इनके इस वक्तव्य में उनकी पीड़ा साफ झलक रही है। उन्होंने अपने बयान में भी कहा है कि उन्हें मोदी जी के आचरण और शब्दों से भारी पीड़ा और क्षोभ(दु:ख) है।
क्यों मोदी हैं पीड़ादायी?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर के आवास पर एक मीटिंग का हवाला दिया है। इस मीटिंग में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के होने की बात कही है।
इसी के साथ मोदी ने मीटिंग को गुजरात के चुनाव के साथ जोड़ा और कहा कि बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने और गुजरात विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए पाकिस्तान की तरफ से लॉबिंग की गई है।
डर और हताशा में बोल रहे हैं मोदी
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसा डर, हताशा और गुजरात विधानसभा चुनाव में हार को सामने देखकर बोल रहे हैं। हताश प्रधानमंत्री झूठ के तिनके का सहारा लेकर अपनी डूबती नैय्या पार लगाने का असफल प्रयास कर रहे हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि वह मोदी द्वारा फैलाये जा रहे झूठ, भ्रामक प्रचार और अफवाह को सिरे से खारिज करते हैं। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्हें आईना दिखाया है।
अमर्यादित आचरण की माफी मांगे
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बैठक को लेकर किसी पर भी राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाना सरासर झूठ और अधर्म का कार्य होगा। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री से उम्मीद है कि वह अपने पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए परिपक्वता दिखाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी पद की मर्यादा का ध्यान रखते हुए अपने इस तरह के दुर्व्यवहार पूर्ण आचरण के लिए राष्ट्र से सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। वह झूठ का सहारा लेने, अफवाह फैलाने के आचरण से बचेंगे।
नहीं चाहिए प्रमाण पत्र
मनमोहन सिंह ने अपने लहजे को पहली बार सख्त किया है। उन्होंने कठोर शब्दों में कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी कांग्रेस को अपनी राष्ट्रभक्ति को लेकर एक प्रधानमंत्री से कोई प्रमाण पत्र नहीं चाहिए, जिनका आतंकवाद, उग्रवाद से लड़ने का रवैया ही ढुलमुल रहा हो।
सिंह ने कहा कि वह मोदी को उनकी लाहौर यात्रा की याद दिलाना चाहते हैं। मोदी ने यह यात्रा मेहमान के तौर पर उधमपुर और गुरुदासपुर में आतंकी हमला होने के बाद की थी। क्या वह(मोदी) देश को बताएंगे कि उन्होंने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन जैसे सामरिक स्थल पर आतंकी हमले के बाद ऐसी संवेदनशील जगह पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को क्यों आमंत्रित किया था?
इतिहास है
संभवत: यह इतिहास की पहली घटना है, जब देश के पूर्व प्रधानमंत्री ने इस तरह से वर्तमान प्रधानमंत्री पर झूठ, फरेब, दुष्प्रचार और अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है। यह भी पहली बार हुआ है जब वर्तमान प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री पर शिष्टाचार में आयोजित रात्रिभोज को लेकर इस तरह का हल्कापन दिखाया है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के अधिकारी कुछ नहीं कहना चाहते। उन्हें पूरे प्रकरण में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या मणि शंकर अय्यर की तरफ से कुछ भी गलत नहीं दिखाई दे रहा है। लेकिन कोई रिकॉर्ड के तौर पर सामने नहीं आना चाहता।