मुरादाबाद: पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों पर योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। स्कूलों पर लगाम लगाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है ।
सरकार के नए आदेश के अनुसार कोई भी स्कूल ज्यादा फीस लेता है तो तुरंत उसकी मान्यता रद्द करके उसे सील किया जाएगा। यही नहीं दाखिले के वक्त रजिस्ट्रेशन नाम पर होने वाली लूट को भी बंद कराया जाएगा।
रविवार को कलक्ट्रेट में एडीएम फाइनेंस हिमांशु गौतम ने पब्लिक स्कूलों के प्रिंसिपल, समाज सेवी संस्थाओं और अभिभावकों साथ बैठक की। जिसमें रजिस्ट्रेशन के नाम पर होने वाली अवैध वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किए।
पुरानी किताबों से पढ़ाएं स्कूल :
बैठक में एडीएम फाइनेंस ने कहा कि पब्लिक स्कूल पुरानी किताबों के जरिये बच्चों को पढ़ाये, ताकि अभिभावकों पर अनावश्यक बोझ न पड़े। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल तीन साल से पहले बिना अभिभावकों की सहमति के स्कूल ड्रेस नहीं बदलेगा। इसके अलावा स्कूल ड्रेस या किताब किसी एक दुकान से ही लेने और प्राइवेट किताबों का ज्यादा बोझ डालने से भी स्कूल बचें। यदि ऐसी शिकायत आयी तो कार्रवाई तय होगी।
चार दिन में उपलब्ध कराएं ब्यौरा :
एडीएम फाइनेंस ने सभी स्कूलों से प्री नर्सरी से कक्षा 12 तक वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक लिये गए पंजीकरण शुल्क, प्रवेश शुल्क, वार्षिक शुल्क, मासिक शुल्क, परीक्षा शुल्क, कंप्यूटर शुल्क, स्मार्ट क्लास शुल्क, मेंटीनेंस शुल्क, भवन शुल्क, शिक्षकों व स्टॉफ को दिये गए वेतन और स्कूलों में लगी पुस्तकों और ड्रेस का ब्यौरा मांगा है। एडीएम फाइनेंस सभी स्कूल प्रधानाचार्यों से कहा कि वह चार दिन के अंदर इस ब्यौरे को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि स्कूलों द्वारा दिये गये ब्यौरे की जांच के बाद जिला प्रशासन अपनी अगली रणनीति तैयार करेगा। उन्होंने साफ कहा कि स्कूल सही ब्यौरा उपलब्ध कराएं, क्योंकि इसकी अभिभावकों से क्रॉस चेकिंग भी करायी जायेगी। एडीएम ने कहा कि पब्लिक स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए पूरी पारदर्शिता और सख्ती से काम होगा।