मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राशन कार्ड में हजारों करोड़ के घोटाले की बात कही है। उन्होंने कहा कि पिछले बरसों में यूपी में 4.32 करोड़ राशन कार्ड बनाए गए। जब इन्हें आधार नंबर से लिंक करके जांच करवाई गई तो पता चला कि हर साल हजारों करोड़ रुपये का खाद्यान्न घोटाला हो रहा है।Breaking: चोटी कटवा की शिकर महिला को देखने जा रहे पांच लोगों की दर्दनाक मौत
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। साथ ही, इससे समाज में बड़ा बदलाव भी लाया जा सकता है। गौरतलब है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर नकली राशन कार्ड बनाए गए। योगी सरकार ने शपथ लेने के कुछ दिनों बाद ही जांच के आदेश दिए थे।
फर्जी मिले थे 25 लाख राशन कार्ड
जांच में चार लाख राशन कार्ड फर्जी मिलने पर उन्हें तत्काल रद्द कर दिया गया। उसके बाद भी जांच का सिलसिला जारी रहा। अफसरों की मानें तो पूरे प्रदेश में 25 लाख राशन कार्ड फर्जी मिले। जांच में पाया गया कि हजारों लोगों ने दो-दो, तीन-तीन कार्ड बनवा रखे है, जिन पर वे योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
इस पर प्रदेश की सभी राशन दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ मेल (ईपीओएम) मशीनों के माध्यम से लोगों को अनाज वितरित करने का फैसला किया गया। जैसे-जैसे राशन कार्ड आधार लिंक होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली ऑनलाइन होती जा रही है।
आम लोगों की जरूरत की सस्ती तकनीक विकसित करें तकनीकी संस्थान
सीएम मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यूपी देश में सबसे विकसित राज्य था। प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा थी। अधिकतर राज्यों और नेपाल तक में यूपी के ही शिक्षक और टेक्नोक्रेट होते थे। आज यूपी की गिनती बीमारू राज्यों में होती है। प्रदेश को इस अभिशाप से बाहर निकालने के लिए तकनीकी शिक्षा से जुड़े लोगों की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा कि कूड़ा प्रबंधन बड़ी चुनौती है। इसके चलते बाहर हमारी पहचान बदसूरत प्रदेश के तौर पर होती जा रही है। लखनऊ नगर निगम में ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चलाने में उसका पूरा बजट खप जाएगा। हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी होगी जो सस्ती हो और पर्यावरण पर भी उसका प्रतिकूल असर न हो। स्वाइन फ्लू और डेंगू से निपटने के लिए भी देसी तकनीक विकसित करने की जरूरत है।
उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा ही शिक्षा में सुधार के काम किए हैं। कल्याण सिंह सरकार में तत्कालीन शिक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नकल अध्यादेश लाए। उसी तरह वर्तमान योगी सरकार में माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा काफी काम कर रहे हैं। इससे युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। आने वाला समय यूपी के युवाओं का होगा। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है। आने वाले समय में यूपी के युवा भी अपने तकनीकी ज्ञान के लिए पहचाने जाएंगे।
सस्ते मकान बनाने की तकनीक विकसित करें
सीएम ने अफसोस जताते हुए कहा कि हमारे पास एक भी अच्छा टाउन प्लानर नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास तैयार करने के लिए दूसरे राज्यों का मुंह देखना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र में पांच लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 10 लाख आवास बनाने हैं। ऐसे में हमें और भी सस्ते मकान तैयार करने की तकनीक पर काम करना होगा।
कहीं शौचालयों के साथ रोग तो नहीं पहुंचा रहे
सीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के ही 70 फीसदी हिस्से में हम सीवर लाइन नहीं पहुंचा पाए हैं। गांवों में कच्चे सेप्टिक टैंक बना रहे हैं। इससे गंदा पानी रिसकर जमीन में गया तो जलजनित बीमारियां तय हैं। सिविल इंजीनियरों को देखना होगा कि सुविधा देने के साथ-साथ लोगों को बीमार करने का इंतजाम तो नहीं कर रहे।
मुख्यमंत्री ने किया 101 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 101 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। ये योजनाएं प्रदेश के विभिन्न सरकारी तकनीकी तकनीकी संस्थान और पॉलीटेक्निक की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर स्टूडेंट्स द्वारा लगाई मई मॉडल प्रदर्शनी भी देखी। स्टूडेंट्स के मॉडल की उन्होंने भरपूर प्रशंसा की।