उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पहले आवासीय दफ्तर का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री ने ने कहा है NIA जिन मामलों की जांच करती हैं उनमें से 95 फीसद मामलों की दोषियों को सजा दिलाने में सफल भी होती है. उन्होंने कहा कि NIA की जांच के बाद घाटी में टेरर फंडिंग से जुड़ लोगों में खौफ है.
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राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के कार्यालय और आवसीय परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर में होने वाली पत्थरबाजी में पिछले 2 वर्षों से काफी कमी आई है. उन्होंने कहा कि एनआईए का कोई अपना ऑफिस नहीं था और इसलिए लखनऊ में भारत का पहला आवासीय ऑफिस खोलने का फैसला किया गया.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि फिलहाल NIA 165 मामलों की जांच कर रही है और कश्मीर में पत्थरबाजी में कमी के पीछे NIA एक बड़ी वजह है. साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि 2 वर्षों में पूर्वोत्तर के इलाकों में नक्सली हिंसा की वारदातें भी घटी हैं, इनमें करीब 75 प्रतिशत की कमी आई है.
‘आजतक’ के ऑपरेशन हुर्रियत में टेरर फंडिंग की जांच का जिम्मा भी NIA को ही सौंपा गया है. इस मामले में कई अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी भी हो चुकी है और कई नेताओं से पूछताछ जारी है. गृहमंत्री ने कहा कि NIA की जांच ने टेरर फंडिंग के स्रोत को कमजोर कर दिया और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कार्यक्रम में सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे अगल-बगल के देशों को आतंकवाद की नीति ने अपना हिस्सा बना लिया है. उन्होंने कहा कि मेरे गृहनगर गोरखपुर में सीमा पार से आने वाली जाली करंसी एक बड़ी समस्या है और उस लगाम लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एटीएस को भी आधुनिक बनाने में जुटी है, इससे आतंकवाद की कमर तोड़ने में आसानी होगी.
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