वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बैंकों की बढ़ती नॉन–परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) के लिए बड़े चूककर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही कहा कि इन बड़े लोगों से पैसे वसूल करना एक बड़ी चुनौती बन गई है.जानिए कैसे हो रही है आरबीआई में पुराने नोटों की गिनती….
जेटली पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक पीडीसीसी के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए यहां आए थे. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पिछले 50 सालों से इस बैंक से जुड़े हुए हैं. जेटली ने कहा कि जब भी छोटे कर्जदार बैंकों से ऋण लेते हैं, एनपीए कम होते हैं. जब भी बड़े बैंकों में बड़े एनपीए होते हैं तो वह छोटे लोगों के कारण नहीं बल्कि बड़े लोगों के कारण होते हैं. इन लोगों से पैसा किस तरह से वसूल किया जाए, इस समय यह एक बड़ी चुनौती बन गई है.
देश के विकास में बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने कहा कि बैंक देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह व्यवसाय, खेती और शिक्षा उद्देश्यों के लिए छात्रों को ऋण प्रदान करता है, लेकिन कुछ बड़े लोगों के बड़ी मात्रा में ऋण के कारण बैंक की ऋण की पेशकश करने की क्षमता प्रभावित होती है. इससे ना केवल ग्रामीण क्षेत्रों का ब्लकि पूरे देश का विकास प्रभावित होता है.