मां वैष्णो देवी के यात्रियों को कठिन और सीधी चढ़ाई से निजात मिलेगी। मार्च-अप्रैल से श्रद्धालु रोपवे से माता के दरबार से सीधे भैरोनाथ (भैरो घाटी) मंदिर पहुंच सकेंगे। रोपवे में प्रति एक घंटे में आठ सौ यात्रियों को मंदिर तक ले जाने की क्षमता होगी। इसमें एक ही बार मात्र चार मिनट में हवाई रूट से 42-45 यात्री जा सकेंगे। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अतिरिक्त सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया कि भवन के पास रोपवे का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।

श्री माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा से श्रद्धालु बाणगंगा, चरण पादुका, अर्द्धकुंवारी, हिमकोटि, सांझीछत से होते हुए समुद्र तल से 5200 मीटर की ऊंचाई पर 13 किलोमीटर का सफर तय करके वैष्णो देवी के भवन में पहुंचते हैं। इसमें छह किलोमीटर का सफर तय करके अर्द्धकुंवारी से नए ट्रैक से अधिकांश यात्री भवन तक पहुंचते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में अर्द्धकुंवारी से पुराने ट्रैक से ही हाथी मत्था की चढ़ाई तय करते हुए यात्री भवन तक पहुंचते हैं।
समुद्र तल से 6619 मीटर की ऊंचाई पर भवन से करीब तीन किलोमीटर की सीधी और कठिन चढ़ाई करके भैरोनाथ के मंदिर में पहुंचा जाता है। इसमें घोड़ों से भी यात्री और सामान ले जाया जाता है। यह पूरी वैष्णो देवी की यात्रा में सबसे सीधी चढ़ाई है, जिससे यात्री काफी थक जाते हैं। इससे बड़ी संख्या में यात्री वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद सीधे ही कटड़ा वापस लौटने को तवज्जो देते हैं।
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