अभी अभी: सामने आया सीएम योगी का, ये राज…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज जल्द ही खुलेंगे। जिसका खुलासा दायर की गयी आरटीआई से होगा।

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बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी मीडिया योगी आदित्यनाथ के जीवन के प्रत्येक पहलू की जांच-पड़ताल कर उसे जनता के सामने रखने की भरपूर कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री से जुड़ी हर चीज मीडिया में सुर्खियाँ बटोर रही है। चाहे वह योगी द्वारा लिए गये नए प्रशासनिक निर्णय हों, सीएम आवास का कायाकल्प हो या योगी की दिनचर्या।

अब योगी के द्वारा सीएम आवास में पाले जाने वाले पालतू पशुओं व उनके प्रति लगाव की जानकारी लोगों के सामने होगी। गौरतलब है कि सीएम के गाय माता की सुरक्षा को लेकर उठाये गये साहसिक कदमों की देश भर में सरहाना हो रही है। लेकिन मुख्यमंत्री का लगाव गौ माता के साथ ही साथ अन्य पशुओं के प्रति भी कहीं से कम नहीं है। लेकिन यह लगाव अन्य पशुओं से कितना है। इसकी जानकारी जल्द ही लोगों को मिल सकेगी।

योगी आदित्यनाथ के जल्द खुलेंगे राज

दरअसल समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने सूबे के मुख्यमंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी को एक आरटीआई आवेदन भेजकर मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री साथ प्रवेश पाए योगी के पालतू जानवरों की सूचना मांगी है। समाजसेवी श्री शर्मा बताते हैं कि नगर निगम की सीमा में रिहायशी करने वाले लोगों द्वारा पाले जाने वाले पालतू जानवरों का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना कानूनन जरूरी है। लेकिन न तो नगर निगम को इसकी चिंता है और न ही जानवर पालने वालों को। शर्मा ने बातचीत के दौरान बताया कि चाहें भैंस पालें या गाय, बकरी पालें या खरगोश, बिल्ली या फिर कुत्ता, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

संजय कहते हैं कि रजिस्ट्रेशन के बाद जानवर पालने वालों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय हो हो जाती है और इससे उन छुट्टा जानवरों पर, जो आये दिन लोगों को घायल करते रहते हैं, लगाम भी लगाईं जा सकती है । यही नहीं इससे पालतू जानवरों के मालिक को उनकी सेहत पर ध्यान देना भी कानूनी रूप से जरूरी हो जाता है। जानवरों के पंजीकरण शुल्क से नगर निगम को अतिरिक्त आय होती है जिसका प्रयोग आम जन सुविधाओं के लिए किया जा सकता है। बकौल संजय, कानूनन हर पालतू जानवर का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, वरना इन्हें छुट्टा जानवर की श्रेणी में मान लिया जाएगा और तब इनके पालने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

संजय शर्मा ने किया आरटीआई में आवेदन

संजय ने अपने आरटीआई आवेदन में सीएम योगी के लखनऊ स्थित आवास में रह रहे पालतू जानवरों की कुल संख्या,पालतू जानवरों के प्रकार-वार उनकी संख्या , जानवरों के नगर निगम लखनऊ में कराये गये सभी पंजीकरणों और जानवरों को मुख्यमंत्री आवास में पालने के लिए नगर निगम लखनऊ द्वारा दिये गये लाइसेंसों की सूचना माँगी है।

छुट्टा घूम रहे कानून का पालन होना जरूरी

जब शर्मा से आरटीआई मांगने के उद्देश्य और इसमें निहित लोकहित के बारे में पूंछा गया तो बताया कि वे इस आरटीआई के द्वारा छुट्टा जानवरों से होने वाली दुर्घटनाओं के चलते मानव जीवन को उत्पन्न खतरों और पालतू जानवरों पर उनके मालिकों द्वारा किये जा रहे अत्याचारो, जानवरों के स्वास्थ्य की सही देखभाल न करने आदि के मुद्दों को अपनी आरटीआई के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी के संज्ञान में लाकर पालतू जानवरों का पंजीकरण कराये जाने संबंधी नियम को सूबे में सख्ती से लागू कराना चाहते हैं।

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