किसानों का कर्ज माफ करने की अपनी चुनावी घोषणा को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग से पूरा ब्योरा मांगा है। 19 मार्च को शपथ लेते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रमुख सचिव वित्त अनूप चन्द्र पांडे को तलब कर किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को पूरा करने के उपायों को ढूंढने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रमुख सचिव वित्त ने भी कृषि विभाग से लघु एवं सीमांत किसानों की कर्ज माफी की स्थिति का आंकलन कर उसकी समुचित रिपोर्ट जल्द देने के निर्देश दिए हैं।
श्री पांडे ने बताया कि कृषि विभाग से बजट मांगा गया है कि कर्ज माफी के लिए उनको कितनी रकम चाहिए। कर्ज माफी के लिए मानक निर्धारित करने के भी निर्देश कृषि विभाग को दिए गए हैं। भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र (चुनाव घोषणा पत्र) में सरकार बनने पर लघु एवं सीमान्त किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा सभी बड़े नेताओं ने चुनावी सभाओं में भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ इस चुनावी वादे को पूरा करने के लिए सक्रिय हो गए। इस सिलसिले में योगी आदित्य नाथ वित्त विभाग समेत अन्य सबंधित विभागों के आला अफसरों से कई चरणों में बात कर चुके हैं।
प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि किसानों के कर्ज माफी का मामला विधानसभा की पहली बैठक में ही हल हो जाएगा। इसके लिए होमवर्क हो रहा है। वह शुक्रवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर झांसी आए थे। उन्होंने यहां पर कई विभागों के साथ विकास भवन सभागार में समीक्षा बैठक की इसके बाद पत्रकारों से रूबरू हुए।
उन्होंने कहा भाजपा सरकार बुन्देलखण्ड के प्रति गंभीर है। निर्देश दिए हैं कि 15 अप्रैल तक हर हाल में सभी किसानों के मृदा कार्ड उन तक पहुंचा दिए जाएं। आने वाले दिनों में बुन्देलखण्ड की समस्याओं के स्थाई समाधान की तैयारी है। खरीफ 2016 में बर्बाद हुई किसानों की फसल का भुगतान न होने पर उन्होंने फोन पर प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि हर हाल में 31 मार्च तक भुगतान करा दें, अन्यथा बीमा प्रतिनिधि को जेल भेज देंगे।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features