सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को फायर करने का टेस्ट सफल हो गया है। ब्रह्मोस को सुखोई-30MKI के टेस्ट किया गया था। इस जोड़े को पहले से ही ‘खतरनाक’ माना जा रहा था। भारत ने पहली बार ऐसा किया है और इसे एतिहासिक माना जा रहा है।

इस टेस्ट के बाद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने यह टेस्ट करके विश्व रिकॉर्ड बना दिया है। उन्होंने इसके लिए ब्रह्मोस और डीआरडीओ की टीम को बधाई भी दी। जिस मिसाइल को टेस्ट किया गया उसका वजन 2.4 टन था, जबकि असल में इसका वजन 2.9 टन होता है, इसको बंगाल की खाड़ी से दो इंजन वाले सुखोई फाइटर जेट से टेस्ट किया गया था।
इस टेस्ट के सफल होने से भारत आंतकी ठिकानों को आसानी से निशाना बना सकेगा, अंडरग्राउंड बने परमाणु बंकरों को नष्ट किया जा सकेगा और युद्धपोत भी इसकी जद में होंगे। पहले खबर आई थी कि अगर टेस्ट सफल हो गया तो शुरुआती स्तर पर 42 सुखोई फाइटर जेट्स पर ब्रह्मोस मिसाइल को लगाया जाएगा। जून 2016 से दो सुखाई फाइटर जेट के साथ इसका ट्रायल रन चल रहा था।
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