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जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने पूछा, ‘अब इस याचिका पर कैसे विचार किया जा सकता है? हमने कानून के प्रावधान को बरकरार रखा है। अब निजता के अधिकार पर फैसला आ चुका है लेकिन आधार के बारे में कोई निर्णय नहीं है। अब यह याचिका कैसे दायर की गई है?’
कम्युनिस्ट पार्टी केनेता बिनॉय विश्वम के वकील ने बाद में यह याचिका वापस ले ली। पीठ ने उन्हें याचिका वापस लेने और आधार संबंधी मुख्य मामले में हस्तक्षेप के लिए आवेदन दायर करने की छूट प्रदान की। आधार संबंधी मामले पर संविधान पीठ इस महीने के अंतिम सप्ताह में सुनवाई करेगी।