नई दिल्ली: भारत लौटे विंग कमांडर अभिनंदन का इन दिनों आर्मी के अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनके एमआरआई स्कैन में कोई गंभीर बात सामने नहीं आई है लेकिन सूत्रों के अनुसार उनकी रीढ की हड्डी के निचले हिस्से में चोट सामने आई है जो संभवत एमआईजी 21 से निकलते समय उन्हें लगी हो।
अभिनंदन को पसलियों में भी चोट आई है। माना जा रहा है कि जब वह पैरासूट के सहारे उतरे तो पाकिस्तान के लोगों ने उन पर हमला किया इस कारण उन्हें चोट आई हैं। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अभी विंग कमांडर अभिनंदन कम से कम 10 दिन तक अस्पताल में रहना होगा। यहां उनकी सभी जरूरी चैकअप किए जाएंगे। अभिनंदन वर्धमान ने वायुसेना के अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वह यथाशीघ्र कॉकपिट में लौटना चाहते हैं।
अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। ायुसेना के पायलट अभिनंदन का दो दिनों से यहां एक सैन्य अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि वर्धमान ने वायुसेना के वरिष्ठ कमांडरों और इलाज कर रहे डॉक्टरों से कहा कि वह यथाशीघ्र विमान उड़ाना शुरू करना चाहते हैं। बुधवार को वह पाकिस्तानी वायुसेना के साथ हवाई संघर्ष के दौरान एफ.16 लड़ाकू जेट को मार गिराने वाले वायुसेना के पहले पायलट बन गये थे। इस भीषण संघर्ष के दौरान उनके मिग 21 को भी मार गिराया गया था और उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था।
वह शुक्रवार की रात को लौटे थे और उनका नायक की भांति भव्य स्वागत किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सेना के रिसर्च एवं रेफरल अस्पताल के डॉक्टरों का एक समूह उनके स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी कर रहा है। एक सैन्य अधिकारी ने कहा यह कोशिश रही है कि वह शीघ्र ही कॉकपिट में लौटें। अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान में उत्पीडऩ से गुजरने के बावजूद उनका जज्बा काफी ऊंचा है।
वह शुक्रवार को रात करीब पौने बारह बजे वायुसेना की उड़ान से राजधानी लौटे थे। उससे करीब ढाई घंटे पहले वह अटारी वाघा सीमा से भारत में पहुंचे थे। पकड़े जाने के बाद वर्धमान ने बिल्कुल प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में साहस और शालीनता का परिचय दिया था जिसकी नेताओं, रणनीतिक विशेषज्ञों और पूर्व सैनिकों ने प्रशंसा की थी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने शनिवार को वर्धमान से अलग अलग भेंट की थी। उस दौरान वर्धमान ने पाकिस्तान में हिरासत के दौरान मानसिक उत्पीडऩ के बारे में बताया। रक्षामंत्री ने उनके साहस की प्रशंसा की और कहा कि राष्ट्र उनकी निस्वार्थ सेवा के प्रति आभारी है।