नई दिल्ली : दक्षिण चीन सागर में चीन की दबंगई लगातार जारी है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों की चेतावनी के बावजूद ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
चीन ने ऐलान किया है कि वो गुरुवार को दक्षिण चीन सागर में अपना सैन्य अभ्यास करेगा। दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रमक तेवर से आमेरिका समेत कई देश परेशान हैं। दरअसल चीन दक्षिण चीन सागर पर कब्जा करना चाहता है। दक्षिण चीन सागर में क्षेत्र के स्वामित्व के मुद्दे पर चीन का फिलीपीन, वियतनाम, ताइवान, मलेशिया और ब्रुनेई से भारी विवाद है।
दक्षिण चीन सागर एक व्यस्त जलमार्ग है और भारत का 50 फीसदी व्यापार इसी मार्ग के जरिए होता है। अमेरिका ने कहा है कि वह रणनीतिक जलक्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्टर ने कहा कि अमेरिका के समावेशी रूख के तहत, रक्षा मंत्रालय अमेरिकी और चीनी सेना के बीच सैन्य संबंधों को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो अमेरिका उसके खिलाफ सबसे कठोर कदम उठाएगा। चीन को ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि अमेरिका की दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति है ना की चीन।