अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए अमेरिका की नई रणनीति का जवाब देने के प्रयास के तहत पाकिस्तान के चुनिंदा राजनयिकों के एक समूह ने महत्वपूर्ण विदेश नीति मुद्दों पर मंगलवार को चर्चा शुरू की. चर्चा में शामिल राजनयिकों में भारत और चीन में पदस्थ पाकिस्तानी राजनयिक भी शामिल हैं.

इस मुद्दे पर आधारित तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने किया. अमेरिका ने आतंकी समूहों को पनाह देने के मामले में पिछले महीने पाकिस्तान को सार्वजनिक रूप से झाड़ लगाई थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैयार की गई नई अमेरिकी रणनीति अफगानिस्तान में भारत के लिए व्यापक विकास भूमिका की बात करती है.
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इस सम्मेलन में चीन के श्यामन शहर में ब्रिक्स घोषणा सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है. ब्रिक्स घोषणा में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों को क्षेत्र के लिए सुरक्षा चिंता के रूप में माना गया है.
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि भारत, अमेरिका, रूस, चीन सऊदी अरब, कतर, अफगानिस्तान और ईरान में पदस्थ पाकिस्तानी राजदूत और उच्चायुक्त सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं.
इसके प्रवक्ता ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘पाकिस्तान की विदेश नीति के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक आयामों पर व्यापक चर्चा होगी.’राजनयिक सूत्रों ने यहां बताया कि आसिफ ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि पड़ोसी अफगानिस्तान में जारी संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है.
उन्होंने राजनयिकों से आग्रह किया कि वे भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों और कश्मीर में स्थिति पर चर्चा करें तथा सुझाएं कि इस्लामाबाद किस तरह मुद्दे को रेखांकित कर सकता है.
सूत्रों ने बताया कि राजनयिक ‘मौजूदा भू-राजनीतिक और क्षेत्रीय स्थिति’के मद्देनजर पाकिस्तान की विदेश नीति की संभावित शक्ति और उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा करेंगे.
वे क्षेत्र के लिए अमेरिका की नई रणनीति के मद्देनजर पाकिस्तान के हितों की रक्षा करने के लिए एक समग्र नीति के वास्ते विकल्प भी सुझाएंगे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे और तब उन्हें नीति सूत्र सौंपे जाएंगे.
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