अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को पिछले दिनों निर्वासित कर दिया गया। इन भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमान से वापस भेज दिया गया। विमान ने बुधवार को अमृतसर में लैंडिंग की। इस विमान में 104 भारतीय सवार थे, जिन्होंने अवैध तरीके से अमेरिका की सीमा में प्रवेश किया था।
अमेरिका या किसी दूसरे देश से भारतीयों को सैन्य विमान का इस्तेमाल करके निर्वासित करने की इस घटना ने भारतीय नागरिकों के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस पूरे मामले पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग की और अमेरिकी वायुसेना के विमान के इस्तेमाल के अलावा जिन परिस्थितियों में भारतीयों को निर्वासित किया गया, उस पर प्रतिक्रिया दी।
क्या बोले विदेश सचिव?
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक बयान में कहा कि यह विशेष निर्वासन पहले की उड़ानों की तुलना में कुछ अलग है। अमेरिकी प्रणाली में ही इसे राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान के रूप में वर्णित किया गया था, इसलिए शायद इसीलिए उन्होंने एक सैन्य विमान का इस्तेमाल किया।
वहीं, केंद्र ने आज घोषणा की है कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को बताया है कि 487 संभावित भारतीय नागरिकों के पास अंतिम निष्कासन आदेश हैं। इससे पहले 104 भारतीयों को अमेरिका ने वापस भारत भेज दिया है। अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा।
माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने क्या कहा?
उधर, यूएसबीपी प्रमुख माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि अवैध विदेशियों को सफलतापूर्वक भारत वापस भेजा गया, जो सैन्य परिवहन का उपयोग करके अब तक की सबसे लंबी निर्वासन उड़ान थी। यह मिशन आव्रजन कानूनों को लागू करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि यदि आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं, तो आपको हटा दिया जाएगा।
क्या है ट्रंप का आदेश?
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली है, उस समय से ही उन्होंने ‘अवैध विदेशियों’ को वापस उनके देश भेजने की कसम खाई है। उन्होंने शपथ लेने के साथ ही एलान किया था कि अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनको वापस भेजा जाएगा।
पीएम मोदी की यात्रा से पहले निर्वासन का दौर
अमेरिका की ओर से इस निर्वासन की प्रक्रिया को ऐसे समय में किया गया है, जब पीएम मोदी अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं। पीएम मोदी संभवतः 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी की डोनाल्ड ट्रम्प के साथ पहली मुलाकात होगी, जो पिछले महीने राष्ट्रपति बने हैं।
विदेश मंत्री ने संसद में क्या कहा?
भारतीयों के इस तरीके से निर्वासन पर केंद्र ने अपना जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को वापस भेजना कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह कई वर्षों से चल रहा है।
इस दौरान उन्होंने हर साल सैकड़ों भारतीयों को अवैध रूप से उस देश में प्रवेश करने या रहने के कारण निर्वासित किए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2012 में 530 से लेकर 2019 में 2,000 से अधिक ये संख्या थी।
अमेरिका से बात करेगा भारत
उन्होंने यह भी कहा कि कानूनी गतिशीलता को प्रोत्साहित करना और अवैध आवागमन को हतोत्साहित करना हमारे सामूहिक हित में है और यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए।
विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा निर्वासन की प्रक्रिया नई नहीं है। यह वर्षों से चली आ रही है। यह नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है। हमारा ध्यान अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने पर होना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने यह भी स्वीकार किया और कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं कि निर्वासितों के साथ दुर्व्यवहार न हो।