पाक को सबक सिखाने – भारत जल्द ही पाक को सबक सिखाने की तैयारी कर रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की हरकतों पर लगाम लगाने के लिए उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई जैसे विकल्प पर विचार कर रहा है. यह भी पढ़े:> अभी-अभी: लगातार हुए 900 धमाके, इस धमाके से दहल उठा पूरा देश…
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इस बार इस बात का खुलासा भारत या पाकिस्तान की ओर से नहीं बल्कि अमेरिका रक्षा खुफिया एजेंसी के अधिकारी की ओर से किया गया है. इसमें आशंका जताई गई हैं कि भारत कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को अलग-थलग करने की दिशा में बढ़ने के साथ ही सीमा पार से जारी आतंकवाद को उसके समर्थन को लेकर अपने पड़ोसी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.
अमेरिका के शीर्ष अधिकारी और रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विंसंट स्टुअर्ट ने सेनेट की शक्तिशाली सशस्त्र समिति को विश्वव्यापी खतरों पर हुई सुनवाई के दौरान बताया कि भारत सीमा पार से जारी आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन को लेकर अब कोई निर्णायक कार्रवाई करने जा रहा है.
इसके लिए मोदी सरकार पाक को सबक सिखाने के लिए सीमित युद्ध जैसे विकल्पों पर भी विचार कर रही है गौरतलब हो कि अभी कुछ दिन पूर्व ही भारतीय वायु प्रमुख बीएस धनोवा का एक पत्र भी मीडिया में आया है जिसमें उन्होंने एक शार्ट नोटिस पर वायु सेना को किसी भी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है.
यही नहीं स्टूअर्ट की बात को इस बात से भी बल मिलता है कि उनके बयान एक दिन पहले ही भारतीय सेना ने नौशेरा में सीमा पार पाकिस्तानी ठिकानों पर हमले कर उसके कई बंकर तबाह कर दिए थे. इस हमले में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान होने की खबरे हैं.
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी के खुलासे में कहा गया है कि भारत में कई आतंकवादी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंध बदतर हुए हैं. इसके साथ भारत में खतरनाक आतंकी हमलों की आशंका बनी हुई है. जो पाकिस्तान के साथ भारत के संघर्ष का एक बड़ा कारण बन सकता है.
गौरतलब हो कि कश्मीर में हिंसा और द्विपक्षीय राजनयिक आरोप-प्रत्यारोप से 2017 में भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी खराब हुए हैं. पिछले वर्ष सितंबर में कश्मीर में सेना के एक शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
यह भारत की मोदी सरकार की उसी नीति का हिस्सा थी जिसमें आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए सीमा पार जाकर कार्रवाई करने तक के विकल्प खुले रखे गए हैं.
अमेरिकी रक्षा अधिकारी स्टुअर्ट ने कहा कि 2016 में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कई सालों में पहली बार भारी गोलाबारी हुई थी तथा दोनों पक्षों ने तनाव के बीच एक दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.
एक ओर पाकिस्तान जिस प्रकार अपने परमाणु जखीरे के लगातार बढ़ने में लगा है तो वहीं भारत वृहद हिंद महासागर क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए खुद को बेहतर स्थिति में रखने के लिए अपनी सेना का तेजी से आधुनिकीकरण करने में लगा है.
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