इमली के बीज
गुहेरी में इमली के बीज भी बड़े फायदेमंद होते हैं। इसके लिए इमली के बीज निकालकर इन्हें धुल लें और रात भर भीगने के लिए पानी में छोड़ दें। सुबह इसका छिलका उतारकर इसे सिल पर या किसी साफ और कठोर जगह पर घिर लें। इसके गाढ़े पेस्ट को गुहेरी पर लगाने से दो दिन में ही गुहेरी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।
धनिया और पुदीना
पुदीने की पत्तियों की तासीर ठंडी होने के कारण ये सूजन को घटाता है और धनिये की ताजी पत्तियों में दर्द कम करने के गुण होते हैं इसलिए ये गुहेरी में फायदेमंद हैं। इसके लिए सबसे पहले 4-5 पत्तियां धनिया और पुदीने की अच्छे से साफ करके पीस लें और इन्हें 10 मिनट फ्रिज में रख दें। इसके बाद इसे गुहेरी वाली जगह पर लगाने से वो जल्द ही ठीक हो जाएगी।
गर्म पानी से सिंकाई
गुहारी होने पर इसकी गर्म पानी से सिंकाई करने पर ये ठीक हो जाती है। इसके लिए पहले थोड़ा सा पानी गर्म कर लें और उसमें अच्छे से साफ किया हुआ सूती कपड़ा भिगाकर निचोड़ लें और इससे फुंसी वाली जगह पर सिंकाई करें। इससे आपके आंखों की सूजन कम हो जाएगी और दर्द में भी आराम मिलेगा।
बादाम
बादाम आंखों ही नहीं पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है। इसका तेल आंखों की गुहेरी को भी ठीक करता है। इसके लिए बादाम को थोड़े से दूध में रात भर भिगा कर रख दें। सुबह इस भीगे हुए बादाम को सिल पर घिस कर लेप तैयार कर लें और इस लेप को गुहेरी पर लगाएं। आप चाहें तो सीधे बादाम का तेल गुहेरी पर लगा सकते हैं। इससे गुहेरी ठीक हो जाएगी और आंखों की रौशनी भी बढ़ेगी।
चंदन का लेप
चंदन की तासीर ठंडी होती है और ये दिमाग को ताजगी और स्फूर्ति देता है। इसी लिए पुराने समय से ही चंदन का टीका माथे पर लगाने की परंपरा है। चंदन आंखों को भी ठंडक प्रदान करता है और गुहेरी को ठीक करता है। इसके लिए चंदन की लकड़ी को सिल पर या किसी साफ पत्थर पर घिसकर इसका गाढ़ा लेप बना लें और इसे गुहेरी पर लगाएं। इससे आंखों की गुहेरी दो दिन में ठीक हो जाएगी।