आईएमएस बीएचयू में आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर स्थापित किया जाएगा। साथ ही फेलोशिप कोर्स की भी शुरुआत की जाएगी। नेत्र रोग विभाग की ओर से दो दिवसीय सम्मेलन काशी ओफ्थाल ट्रॉमाकान 2024 के दौरान आए इस प्रस्ताव के बाद आईएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने सहमति जताते हुए इस दिशा में जल्द से जल्द कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की।
इसके बन जाने से आंखों में गंभीर चोट वाले मरीजों का बेहतर उपचार हो सकेगा। बीएचयू क्षेत्रीय नेत्र संस्थान और अखिल भारतीय नेत्र चोट संघ (ओक्यूलर ट्रॉमा सोसाइटी ऑफ इंडिया) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय आयोजन में नेत्र रोग विशेषज्ञों ने नेत्र चोटों के प्रबंधन और बचाव पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्य अतिथि इंटरनेशनल ओक्यूलर ट्रॉमा सोसाइटी के सचिव प्रो. रुपेश अग्रवाल ने बीएचयू में नेत्र चोटों के लिए एक आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर (आंख के साथ-साथ शरीर के कई अंगों में चोट का उपचार वाला सेंटर) की स्थापना करने की बात कही। उनके इसी प्रस्ताव पर आईएमएस निदेशक ने अपनी सहमति जताई। इस दौरान बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी प्रो सौरभ सिंह ने भी सेंटर के संचालन में हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि निश्चित तौर पर आंख में चोट वाले मरीजों का बेहतर उपचार और देखभाल हो सकेगा।
बीएचयू नेत्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरपी मौर्या को नोडल सेंटर का प्रभारी बनाने की बात भी कार्यक्रम में मौजूद विशेषज्ञों ने रखी। नेपाल में नेत्र संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रोहित शिजू ने जानवरों (कुत्ता, भालू, गाय आदि) से होने वाली नेत्र चोटों के प्रबंधन पर चर्चा की। सम्मेलन के दौरान नेत्र चोटों के प्रबंधन और बचाव से संबंधित कुल 92 शोध पत्र पढ़े गए। नेत्र चोट संबंधी अन्य विषयों पर 12 सत्रों में 42 व्याख्यान भी हुए। कार्यक्रम में प्रो. वीपी सिंह, प्रो. एके ग्रोवर, प्रो. एस. नटराजन ने भाग लिया।
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