उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब इन कर्मचारियों को हर महीने की 5 तारीख तक उनका वेतन सीधे बैंक खाते में मिलेगा। यह ऐतिहासिक फैसला राज्य सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं और शिकायतों को ध्यान में रखते हुए लिया है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन को मंजूरी दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलेगा, उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे और पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी।
अब नहीं होगी वेतन में देरी, नहीं होगी कटौती
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी ने बताया कि अभी तक एजेंसियों के जरिए हो रही भर्तियों में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही थीं। कर्मचारियों की शिकायत थी कि उन्हें पूरा वेतन नहीं मिलता, समय पर भुगतान नहीं होता और श्रमिक अधिकारों की अनदेखी होती है। अब UPCOS के माध्यम से इन समस्याओं को दूर किया जाएगा।
UPCOS की मुख्य बातें
यह निगम कंपनी एक्ट के तहत गठित होगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और महानिदेशक नियुक्त किए जाएंगे। मंडल और जिला स्तर पर निगरानी समितियां बनाई जाएंगी जो व्यवस्था पर नजर रखेंगी। आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन GeM (Government e-Marketplace) पोर्टल से होगा और उनका कार्यकाल कम से कम 3 साल का होगा। जो कर्मचारी पहले से कार्यरत हैं, उनके अनुभव को वेटेज दिया जाएगा ताकि उनकी सेवा जारी रहे।
कर्मचारियों को मिलेंगे सभी लाभ
CM योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वेतन हर महीने 5 तारीख तक सीधा बैंक खाते में भेजा जाए। ईपीएफ (EPF) और ईएसआई (ESI) जैसी सुविधाएं समय पर जमा हों। कर्मचारियों को सभी बैंकिंग और सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलें। आउटसोर्स एजेंसियों की निगरानी की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
आरक्षण और सामाजिक न्याय का ध्यान
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि UPCOS के अंतर्गत की जाने वाली सभी भर्तियों में SC, ST, OBC, EWS, महिलाओं, दिव्यांगों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण का पालन अनिवार्य होगा। निराश्रित, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, नियमित पदों पर आउटसोर्स नियुक्तियों पर रोक लगाने का भी आदेश दिया गया है।
यह फैसला कर्मचारियों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करेगा: CM योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय को सामाजिक न्याय, श्रमिक सम्मान और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और विश्वास आएगा, और सरकार की कार्यप्रणाली भी अधिक दक्ष और पारदर्शी बनेगी।
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