चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के खिलाफ शतक ठोकने वाले पाकिस्तानी बल्लेबाज फखर जमां ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि टीम इंडिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में जब उन्होंने शतक लगाया, तो भारतीय कप्तान विराट कोहली ने उनके लिए ताली बजाई, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसा नहीं किया.
जीवनदान के बाद की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी
पाकिस्तानी ओपनर फखर जमां उस मैच में जसप्रीत बुमराह की गेंद पर विकेट के पीछे धोनी के हाथों कैच आउट हो गए थे, लेकिन वह नो बॉल थी. जिसका खामियाजा टीम इंडिया को हार के रूप में भुगतना पड़ा. बुमराह की नो बॉल पर जीवनदान मिलने के बाद फखर जमां ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और 114 रन बनाकर अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.
धोनी के व्यवहार से था मायूस
फखर का कहना है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के खिलाफ शतक बनाना बहुत मुश्किल काम था, क्योंकि बल्लेबाजी के दौरान भारतीय फील्डर्स और खुद कप्तान विराट कोहली लगातार मुझ पर जुबानी हमला कर रहे थे. लेकिन इसके बावजूद मेरा ध्यान भंग नहीं हुआ और जब मैंने अपना शतक पूरा कर लिया तो, कोहली ने मेरे लिए ताली बजाई जिससे मुझे सुखद आश्चर्य हुआ. लेकिन यह देखकर बहुत मायूसी हुई कि धोनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
आउट होने के बाद दिल बैठ गया था
फखर ने फाइनल मैच में बुमराह की गेंद पर लपके जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया बताई कि जब बुमराह की गेंद पर वो एमएस धोनी के हाथों विकेट के पीछे कैच आउट हुए, तो मेरा दिल बैठ गया और मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे मेरी सारी उम्मीदों और सपने को कुचल दिया गया हो. मैंने सोचा कि मैं आउट कैसे हो सकता हूं, मुझे बड़ा स्कोर बनाना था.
नो बॉल होने पर लगा, आज मेरा दिन है
तभी अंपायर ने मुझे रोका, जो मेरे लिए नई आशा की किरण की तरह थी. मुझे जब पता चला कि यह नो बॉल थी और मैं आउट नहीं हूं, तो मुझे लगा आज मेरा दिन है और मुझे बड़ा स्कोर बनाना हैं. आपको बता दें कि फखर जमां की 114 रनों की पारी ही भारत-पाकिस्तान के इस मैच में निर्णायक साबित हुई और टीम इंडिया ये मैच 180 रनों से हार गई.