दुनिया में महिलाओं के पीरियड्स को लेकर तरह-तरह के नियम, रीति-रिवाज, परम्पराएं बनाई गई है जिन्हे सुनने के बाद हैरानी होती है. हम सभी ना जाने कितनी ही ऐसी परम्पराओं के बारे में जानते हैं जिन्हे सुनकर ऐसा लगता है कि लड़कियों के साथ हो रहा अत्याचार कब बंद होगा. कहते है कि जब लड़कियां पीरियड्स में हो तो उन्हें मंदिर नहीं जाना चाहिए. जी हाँ, कई लोग, कई धर्म, कई समुदाय ऐसा मानते है कि जब लडकियां मासिक धर्म में हो तो उन्हें मंदिर नहीं जाना चाहिए, इससे उन्हें पाप लगता है. इसके पीछे कई धर्म में अलग-अलग मान्यताएं हैं जो आज हम आपको बताते हैं.
1. ईसाई धर्म- इस धर्म के लोग बहुत ही पुरानी मान्यताओं को मानते है और उनका कहना है कि बहुत पहले से उनके यहाँ जब महिलाएं मासिक धर्म होती थी तब वह घर के बहार झोपडी बनाकर रहती थी, अपने कपड़े लेकर जाती थी और खाना खुद ही बनाती थी. ईसाइयों का मानना है कि पीरियड्स में महिलाओं को जो खून आता है वह सूअर के मांस के बराबर होता है इस वजह से उन्हें घर से दूर रहना चाहिए. मासिक धर्म में वह घर, किचन और मंदिर सभी से दूर रहे तो अच्छा होगा.
2. इस्लाम- मुसलमानो में मासिक धर्म के दौरान उन्हें किसी भी पुरुष के पास नहीं जाने दिया जाता है क्योंकि उस वक्त वह अपवित्र मानी जाती है. उन्हें मासिक धर्म में नमाज ना पढ़ने का रिवाज बनाया गया है.
3. सिख धर्म- इस धर्म के अनुसार मासिक धर्म में महिलाओं को शुद्ध नहीं माना जाता है और उनके ऊपर हर एक कार्य के लिए रोक लगा दी जाती है.
4 हिन्दू धर्म- हिन्दुओं में बहुत सी मान्यताएं हैं और यहाँ भी महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान उन्हें मंदिर नहीं जाने दिया जाता, साथ ही रसोई नहीं छुने दी जाती.
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