साउथैंप्टन टेस्ट के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने कहा था कि वह ओवल में अपने करियर का आखिरी मुकाबला खेलेंगे। शुक्रवार से शुरू होने वाले ओवल टेस्ट से पहले बुधवार को उन्होंने यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पिछले छह महीने से मेरे दिमाग में चल रहा था कि ऐसा कुछ होने वाला है। मैंने चौथे टेस्ट से पहले रूटी (जो रूट) और फिर मैच के दौरान ट्रेवर (मुख्य कोच) को इस बारे में बताया। मैं हमेशा मानसिक रूप से मजबूत रहा हूं और यह अब जा रहा था। मैं जैसा पहले था वैसा नहीं रह रहा था और यह इस बात का संकेत था। उन्होंने माना कि केविन पीटरसन (केपी) के साथ हुआ विवाद उनका सबसे कठिन समय था।
जब उनसे पूछा गया कि क्या लगातार 158 टेस्ट खेलने के कारण उन्होंने संन्यास का फैसला लिया तो उन्होंने कहा कि नहीं बर्न आउट कोई मुद्दा नहीं है। यह सब मेरे दिमाग से बाहर हो गया था क्योंकि मेरे दिमाग में स्पष्ट था कि मुझे क्या करना है। अगर आप पिछले दो-तीन साल देखें तो मैंने बहुत ज्यादा मैच नहीं खेले हैं और मैंने कभी महसूस नहीं किया कि मैं संघर्ष कर रहा हूं।
ज्यादा दिन मुंह बंद रखना मुश्किल
कुक पिछले नौ टेस्ट में 20 से कम औसत से रन बना पाए हैं। बाकी टीम को कुक के संन्यास लेने के फैसले के बारे में भारत के खिलाफ 60 रन की जीत के बाद पता चला। दुनिया की नंबर वन टीम भारत के खिलाफ सीरीज में 3-1 से बढ़त लेने के बाद कुक ने यह बात सार्वजनिक की। कुक ने कहा कि इस उम्र और दिनों में मुंह बंद रखना मुश्किल है। अगर सीरीज 2-2 होती तो मुझे आखिरी टेस्ट तक मुंह बंद रखना पड़ता, लेकिन जब मीडिया सवाल करता है तो ईमानदार होना पड़ता है और लगातार झूठ बोलना मुश्किल हो जाता है।