विजडन के सदी के पांच सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर्स में शुमार सर गैरी सोबर्स आज (28 जुलाई) 81 साल के हो गए. डब्ल्यूजी ग्रेस ‘फादर ऑर द क्रिकेट’ मान गए, जबकि सोबर्स क्रिकेट को नई ऊंचाइयां देने के लिए याद किया जाते हैं.अभी अभी: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को लगा बड़ा झटका, श्रीलंका ने टीम भेजने से किया इनकार…
दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर सोबर्स क्रिकेट के हर विधा में पारंगत रहे. उन्होंने एक और जहां अपनी बल्लेबाजी से धूम मचाई, वहीं अपनी लेग स्पिन, चाइनामैन और मध्यम गति की तेज गेंदबाजी से चौंंकाया.
सोबर्स ने 1958 में महज 21 साल की उम्र में अपने पहले ही शतक को ट्रिपल सेंचुरी में तब्दील कर दिया था. तब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ किंग्सटन में नाबाद 365 रन बना डाले थे, जो विश्व रिकॉर्ड था. 36 साल बाद ब्रायन लारा ने उस स्कोर को पीछे छोड़ने में कामयाबी पाई.
1966 में सोबर्स ने अपने दम पर वेस्टइंडीज को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जिताई थी. उस दौरान उन्होंने न सिर्फ 160 रन से ऊपर के तीन शतक के अलावा 94 रनों का पारी खेली, बल्कि गेंदबाजी करते हुए 20 विकेट भी चटकाए थे.
सोबर्स के नाम 1968 में एक अद्भुत कारनामा जुड़ा. उन्होंने इंग्लिश काउंटी में नॉटिंघमशायर से खेलते हुए ग्लेमॉरगन के मैलकम नैश के ओवर की सभी 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़े थे. तब फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसा पहली बार देखने को मिला था. 1985 में रवि शास्त्री ने बड़ौदा के तिलकराज को 6 छक्के लगाकर इस रिकॉर्ड की बराबरी की.
आखिरकार महान सोबर्स ने 1974 में क्रिकेट को अलविदा कहा. 93 टेस्ट मैचों के करियर में उन्होंने 57.78 की औसत से 8032 रन बनाए, साथ ही 235 विकेट भी झटके. उनके नाम 26 शतक और 30 अर्धशतक हैं.