भारत और पाकिस्तान का मैच सिर्फ क्रिकेट का मुकाबला नहीं होता। दक्षिण एशियाई देशों की परंपरागत प्रतिद्वंद्विता मुकाबले को और ही रंग दे देती है। चिर-प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच मुकाबला हमेशा ‘हाईवोल्टेज’ होता है। तनाव और रोमांच दोनों से भरपूर। संभावना तो यही है कि यह मुकाबला भी कोई अलग नहीं होगा। बेशक भारतीय टीम का पलड़ा भारी है। पाक के कप्तान सरफराज अहमद ने कहा- भारत के खिलाफ बड़े मैचों में क्यों बिखरता है पाकिस्तान
आईसीसी के बाकी टूर्नामेंटों में भारत का रिकॉर्ड बेहतर है लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में तीन आपसी मुकाबलों में से पाकिस्तान ने दो में जीत हासिल की है। क्रिकेटरों के लिए यह मुकाबला किसी अन्य मैच की तरह है लेकिन प्रशंसकों के लिए हार-जीत बड़ा सवाल बन जाती है।
भारतीय बल्लेबाजी बेहद मजबूत है लेकिन रोहित शर्मा लगभग छह महीने के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे हैं। शिखर धवन 2013 में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। इस बार उन पर फिर से बेहतर प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी होगी। पाकिस्तान के पास अजहर अली और अहमद शहजाद भी प्रतिभाशाली हैं लेकिन उनकी औसत भारतीय ओपनरों के मुकाबले कम है। नंबर तीन पर भारतीय टीम में विराट कोहली हैं और वहां कोई तुलना की गुंजाइश नहीं है। पाकिस्तान के खिलाफ तो विराट के बल्ले की गूंज ज्यादा सुनाई देती है। बाबर आजम जिनकी वनडे औसत 45 की है वह पाकिस्तान के लिए अच्छी खोज हैं लेकिन भारतीय गेंदबाजी के आगे उनकी कसौटी काफी कड़ी होगी। युवराज सिंह और धोनी बल्लेबाजी क्रम में अपने समकक्ष पाकिस्तानी मोहम्मद हफीज और सरफराज खान से रिकॉर्ड, प्रतिभा और तजुर्बे सभी में आगे हैं। यह देखना अभी बाकी है कि वायरल फीवर के कारण अभ्यास मैच नहीं खेल पाए युवराज मैच के लिए फिट भी हैं या नहीं। युवराज फिट नहीं हुए तो दिनेश कार्तिक को मौका मिल सकता है। पॉकेट डायनामाइट केदार जाधव के पास फिर प्रतिभा दिखाने का मौका है।
विवादों को पीछे छोड़कर उतरेगी टीम इंडिया