ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 सितंबर से शुरू हो रही पांच मैचों की वनडे सीरीज के पहले तीन  वनडे के लिए रविवार को भारतीय टीम का चयन करगी। हालांकि श्रीलंका वनडे सीरीज के दौरान जिन तेज गेंदबाजों को आराम दिया गया था उनमें से तकरीबन सभी की वापसी संभव है लेकिन गेंदबाजों  को लेकर चयनकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनेगी।
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चयनकर्ताओं के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगले साल इंग्लैंड दौरे के मद्देनजर काउंटी क्रिकेट खेलने गए स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को वापस बुलाया जाए या नहीं। अश्विन इस समय इंग्लिश काउंटी के लिये डिवीजन दो में वारेस्टरशर के लिये खेल रहे हैं और उनका अनुबंध चार मैचों का है जिसमें से अभी तक दो ही मैच हुए हैं। अश्विन को अब 12 से 15 सितंबर तक लिसेस्टरशर के खिलाफ घरेलू मैच खेलना है और अंतिम मैच 25 से 28 सितंबर तक डरहम के खिलाफ होगा। अगर अश्विन को इन दोनों मैचों में खेलने के लिये अनुमति दी जाती है तो वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैचों के लिये उपलब्ध नहीं हो पायेंगे।
ऐसे में अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल और कुलदीप अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं तो चयनकर्ता अश्विन को काउंटी मैच अनुभव पूरा करने की अनुमति दे सकते हैं। इन दोनों गेंदबाजों ने श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था। चयन मामलों की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘अश्विन को वारेस्टरशर के लिये चार मैचों का अनुबंध मिला है और अगर उसे दो ही मैचों के बाद बुला लिया जाता है तो उसे काउंटी में उचित अनुभव हासिल करने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पायेगा। टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं ने फैसला किया था कि उन्हें काउंटी क्रिकेट में खेलना चाहिए। ’
हालांकि टीम इंडिया को अगले तीन महीने में 23 अंतरराष्ट्रीय मैचों(11वनडे, 9 टी-20 और 3 टेस्ट) खेलने हैं। ऐसे में खिलाड़ियों को आराम देना भी जरूरी है। क्योंकि इसके बाद टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरे पर जाना है। जिसके लिए खिलाड़ियों का फिट होना भी जरूरी है। इस बीच आईपीएल-11 का आयोजन भी होगा। ऐसे में चयन समिति खिलाड़ियों खासकर गेंदबाजों पर पड़ने वाले बोझ को ध्यान में रखकर फैसला करेगी।
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