भारत ने संयुक्त राष्ट्र में संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर हमला बोला, जिसमें भारतीय मिशन के स्थाई सचिव आशीष शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कोविड -19 महामारी का लाभ उठा रहा है। इंटरएक्टिव बातचीत में पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए, भारत ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ाने के लिए कोरोना वायरस महामारी का लाभ उठा रहा है और भारत के धार्मिक समुदायों के बीच विभाजन की कोशिश करने और बनाने के लिए ‘बेलगाम अभद्र भाषा’ का सहारा ले रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सचिव शर्मा ने जातिवाद, नस्लवाद (विदेशी लोगों को न पसंद न करना), संबंधित असहिष्णुता के समकालीन रूपों पर विशेष तालमेल के साथ बातचीत में पाकिस्तान को लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का उकसाना बहरे कानों पर पड़ रहा है क्योंकि भारत में बहुलतावाद और सह-अस्तित्व की परंपरा रही है जहां सभी समुदाय एक लोकतांत्रिक ढांचे के तहत सद्भाव में रहते हैं।
सचिव ने कहा, जहां एक तरफ कोविड-19 के कारण दुनिया में ठहराव पैदा हो गया है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाते हुए सीमा पार आतंकवाद के समर्थन को बढ़ावा दिया है। भारत ने पाकिस्तान को खुद के ही देश में सह-अस्तित्व का अभ्यास करने और अपने ही लोगों के खिलाफ सभी सांप्रदायिक हिंसा, भेदभाव और असहिष्णुता को दूर करने का आह्वान किया है। साथ ही पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा की गई टिप्पणियों की भी निंदा करते हैं।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान में लंबे समय से रिश्ते खराब हैं और इसका सिर्फ एक प्रमुख कारण है और वो आतंकवाद को बढ़ावा देना। पाकिस्तान खुद भी मान चुका है कि उसने भारत में आतंकवादी हमले कराएं हैं। इसके अलावा कश्मीर मसले पर दुनियाभर से मुंह की खा रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुलाम कश्मीर में अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए नई चाल चली। इमरान ने गिलगिट बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने का एलान किया है। इमरान की यह कोशिश एक चालबाजी से ज्यादा नहीं है क्योंकि भारत पहले ही साफ कर चुका है कि गुलाम कश्मीर की स्थिति बदलने का कोई भी प्रयास स्वीकार नहीं होगा।
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