ज्ञानवापी मामले से जुड़े एक वाद में वाराणसी कोर्ट ने अब 26 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है। इससे पहले भी मसाजिद कमेटी ने अदालत में सुनवाई के लिए चुनौती दी थी। हालांकि, इस चुनौती को भी खारिज कर दिया गया था।
सिविल जज सीनियर डिविजन/ फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार की अदालत ने ज्ञानवापी से जुड़े एक वाद में मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल अर्जी को खारिज कर दिया। मामले की अगली सुनवाई की तिथि 26 मार्च नियत की गई है। वाद पत्र पर मुस्लिम पक्ष को जवाबदेही दाखिल करने को कोर्ट ने कहा है।
प्रकरण के अनुसार ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की तरफ से वादमित्र बड़ी पियरी की रहने वाली अधिवक्ता अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी ने अपने कोर्ट में वाद दाखिल किया है। इसमें ज्ञानवापी स्थित आराजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करने, केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग और ज्ञानवापी की बैरिकेडिंग हटाने की मांग की गई है।
इस मामले में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से एक अर्जी दी गई थी कि वाद में जो भी दर्शाया गया है उसकी प्रति या प्रपत्र उसे उपलब्ध कराया जाए। ताकि विपक्षी को जवाब देने में सहूलियत हो सके। दोनों वादिनी की ओर से इसका विरोध किया गया और कहा गया कि वाद में दर्शाए गए साक्ष्य ग्रंथों में हैं और वह बाजार में सभी के लिए उपलब्ध हैं। जब वादिनी को जरूरत होगी तो साक्ष्य के समय कोर्ट के आदेशानुसार प्रस्तुत किया जाएगा।
मसाजिद कमेटी की निगरानी अर्जी पर सुनवाई टली
प्रभारी जिला जज की अदालत में बृहस्पतिवार को ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित वर्ष 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद में सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई टल गई। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 11 मार्च की तिथि नियत की है। यह निगरानी अर्जी मसाजिद कमेटी ने दाखिल की है।
इससे पहले मसाजिद कमेटी ने सिविल जज सीनियर डिविजन/एफटीसी की अदालत के सुनवाई के अधिकार को चुनौती दी थी। चुनौती से संबंधित अर्जी खारिज हो गई थी। उस आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल की गई है।