CBSE ने 2,077 एफिलिएटिड स्कूलों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और साथ ही स्कूलों पर बोर्ड के आदेशों का पालन नहीं करने पर नोटिस भी भेज दिया है।

CBSE द्वारा स्कूलों को आदेशों का पालन न करने के लिए कारण बताओ नोटिस इसलिए भेजा है जिससे स्कूल पब्लिक डोमेन में संस्थानों के बारे में जानकारी की लिस्ट जारी करें। दरअसल इस आदेश के तहत, सभी स्कूलों को पानी की टोटी की संख्या, वाई-फाई फसिलटी के साथ स्पीड की जानकारी, प्रत्येक क्लास की मासिक फीस और सभी ऐडमिशन रिसल्ट्स की सार्वजिनक जानकारी देनी थी। साथ ही स्कूलों को रिसर्व फंड्स और बैलेंस शीट का भी खुलासा करना था।
इस काम को पूरा करने के लिए शुरुआत में 31 अक्टूबर, 2016 तक की डेडलाइन दी गई थी, जिसे बाद में एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था क्योंकि कई स्कूलों ने ऐसी छोटी सूचना पर डेटा प्रस्तुत करने में असमर्थता जताई थी। बोर्ड से अफिलिएटिड 18,179 स्कूल हैं। स्कूलों से मांगी गई जानकारी को छह भागों में बांटा गया था और इसका खुलासा स्कूल की वेबसाइटों पर भी किया जाना था।
सीनियर सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार, 2,077 स्कूल समय सीमा के भीतर काम पूरा करने में विफल रहे। वहीं आदेश का पालन न कर पाने के लिए प्रत्येक स्कूल पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का नोटिस जारी कर दिया है और उनले इसका भुगतान लिया जाएगा।
सीबीएसई मेमोरैंडम के अनुसार, ‘सूचना केवल बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से ऑनलाइन भरी जाएगी और स्कूल की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी।’ आदेश के तहत बोर्ड को मैनेजमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ, फाइनैंस एवं अन्य विवरणों को सार्वजनिक करना करना होगा।
इसमें व्यापक रूप से स्कूल के प्लेग्राउंड और बिल्डिंग के एकड़ और वर्ग मीटर की जानकारी देना भी शामिल है। साथ ही स्कूलों को अपनी बिल्डिगों और ब्रांचेज की संख्या की जानकारी भी देनी होगी। वहीं सेफ्टी की बात की जाए तो स्कूलों को फायर अलार्म, आग बुझाने वाले यंत्र और फायर सेफ्टी का सर्टिफिकेट भी पेश करना होगा
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