साइटिका दर्द एक असहनीय दर्द बन सकता है अगर इसका सही समय पर इलाज न किया गया तो। वैसे तो कई तरह के उपचार इसके लिए उपलब्ध है लेकिन शुरुआती स्टेज में कुछ खास योगासनों की मदद से काफी हद तक इससे राहत पाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में।
क्या है साइटिका?
साइटिक तंत्रिका हमारे शरीर की सबसे लंबी तंत्रिका है। चोट, गलत पोश्चर से इस तंत्रिका पर दबाव पड़ता है, जिससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है और धीरे-धीरे यह कूल्हे और पैर तक भी पहुंच जाता है। जिससे चलने, बैठने और खड़े होने में बहुत प्रॉब्लम होती है।
भुजंगासन
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इस आसन को करने के अनेकों लाभ हैं जिसमें से एक है साइटिका पेन में आराम। क्योंकि यह पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ को एक अच्छा खिंचाव देता है।
शलभासन
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शलभासन योग पीठ के निचले हिस्से के हर एक भाग को मजबूत करता है और वहां ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है।
सेतुबंधासन
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सेतुबंधासन पीठ और जांघों को मजबूत बनाने का काम करता है साथ ही वहां की मसल्स को भी स्ट्रेच करता है। हिप फ्लेक्सर्स को लंबा करता है। साइटिका दर्द वाली जगहों में ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है इस आसन को करने से और इससे दर्द भी गायब हो जाता है।
सर्वांगासन

सर्वांगासन में पैरों को ऊपर करना होता है जिससे पैर के साथ ही हिप्स और कमर की ओर ब्लड का सर्कुलेशन सही और थोड़ा तेज हो जाता है। जिससे वहां की मसल्स को आराम मिलता है।
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इस आसन से ब्लड और ऑक्सीजन की बराबर मात्रा दर्द वाली जगह पर पहुंचती है जिससे दर्द में राहत मिलती है।
थ्रेड नीडल पोज़

थ्रेड नीडल पोज़ साइटिका से सबसे ज्यादा फायदेमंद योग है। क्योंकि यह आसन हिप्स और उसके आसपास के क्षेत्रों और जांघों की मसल्स को स्ट्रेच करता है जिससे दर्द में बहुत आराम मिलता है।
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