यौन शोषण केस में जज ने आसाराम के साथ सभी गुनाहगारो को दोषी करार दिया. 356 /34 के तहत प्रकाश, शिल्पी, शिवा शरद सभी को दोषी करार दिया गया .जज ने पाक्सो एक्ट के तहत सजा का एलान किया. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह जैसे ही जोधपुर की जेल में पहुंचे तो आसाराम के मामले पर फैसले की घड़ी की सुइयों की रफ्तार बढ़ गई. फैसला सुनाने के लिए जोधपुर सेंट्रल जेल में ही कोर्ट तैयार किया गया था, जहां आसाराम बंद है. इस तरह यौन शोषण केस में लगभग पिछले पांच साल से कैद आसाराम के भविष्य का फैसला हुआ. कुल 14 वकीलों की मौजूदगी में 160 दस्तावेजों को पेश किया गया. 
आसुमल हरपलाणी उर्फ आसाराम पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली दलित नाबालिग लड़की के साथ रेप केस में उक्त सजा हुई. गौरतलब है कि दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम पर एफआईआर दर्ज की गई. आसाराम पर जीरो एफआईआर दर्ज हुई. एफआईआर में आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ. दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल कराया गया.
हालांकि बरी किए जाने की स्थिति में भी आसाराम जेल से रिहा नहीं होते, क्योंकि उनके खिलाफ सूरत की दो बहनों से रेप के दो केस अहमदाबाद कोर्ट में चल रहे हैं. जोधपुर SC/ST कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा आज सुबह 8 बजे ही जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे. जेल में ही तैयार किए गए कोर्ट में जज ने अपना फैसला सुनाया. जोधपुर सेंट्रल जेल के DIG विक्रम सिंह और जोधपुर पुलिस ने मामले को लेकर जोधपुर की सुरक्षा बढ़ा दी है. शहर में धारा 144 लगी हुई है. बावजूद इसके आसाराम का एक समर्थक जेल तक माला लेकर पहुंच गया जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
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