इस्लामाबाद । पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान की ताजपोशी का दिन तय हो गया है। लेकिन इमरान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्षी पार्टियों से बड़ा झटका मिला है। पाकिस्तान के चुनावों में धांधली का आरोप लगाने वाले दो बड़े दलों ने एक साथ आने का मन बना लिया है। ये पार्टियां अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार भी मैदान में उतार रही हैं। बता दें कि इमरान खान 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं, जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। इमरान की पार्टी को पाक असेंबली चुनाव में 272 में से 116 सीटें मिली हैं।
गौरतलब है कि इमरान खान की पार्टी ने नेशनल असेंबली की 272 में से 116 सीटों पर चुनाव जीता है। कहा जा रहा है कि वह छोटे दलों और निर्दलियों से गठबंधन कर सरकार बनाने लायक बहुमत जुटा ही लेंगे। इस बीच गुरुवार को पीएमएल-एन और पीपीपी ने एक बार फिर आरोप लगाया कि पाक सेना ने 25 जुलाई को हुए चुनाव में हस्तक्षेप किया, जिसका फायदा इमरान खान की पार्टी को मिला है। हालांकि चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की धांधली से इनकार किया है।
इमरान खान 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं, लेकिन इस खास मौके पर आपको कोई भी विदेशी मेहमान नजर नहीं आएगा। इमरान खान ने डी-चौक या परेड ग्राउंड जैसी सार्वजनिक जगह पर शपथ ग्रहण करने का फैसला बदल दिया है। अब मेहमानों की लिस्ट में भी बदलाव कर दिया गया है। पीटीआइ प्रमुख ने अब फैसला किया है कि शपथ ग्रहण समारोह सादगी से होगा। समारोह में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या विदेशी अधिकारी को न्योता नहीं दिया गया है।