हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का सबसे अधिक महत्व है। आपको बता दें कि एक साल में 24 एकादशियां आती है, लेकिन जब मलमास या अधिक मास आता है तो यह 26 हो जाती है। आपको बता दें कि हर साल मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी व्रत रखा जाता है। ऐसे में इस बार यह व्रत 30 नवंबर 2021 को है। तो हम आपको बताते है इस व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त।
उत्पन्ना एकादशी व्रत के नियम-
* इस एकदशी के पहले दशमी तिथि के दिन संध्या काल में दातून करके पवित्र होना चाहिए।
* इस दिन रात्रि के समय भोजन नहीं करना चाहिए।
* कहा जाता है इस दिन भगवान का स्मरण करते हुए सोना चाहिए।
* इस दिन सुबह स्नान करके संकल्प लेकर निर्जला व्रत रखना चाहिए और दिन में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
* कहा जाता है इस दिन पूजा में धूप, दीपक एवं नाना प्रकार की सामग्रियों से विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए।
* इस दिन बुरे विचार नहीं लाना चाहिए और रात्रि के समय श्री विष्णु के नाम से दीपदान करना चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी के शुभ मुहूर्त- मार्गशीर्ष, कृष्ण एकादशी (उत्पन्ना एकादशी) का प्रारंभ- मंगलवार, 30 नवंबर 2021 को दोपहर 2 बजे से होगा तथा 01 दिसंबर 2021, बुधवार को दोपहर 12।55 मिनट पर मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी तिथि समाप्त होगी। व्रत पारण का समय: 1 दिसंबर 2021, बुधवार को प्रातः 7:40 मिनट से प्रातः 9:00 बजे तक रहेगा।
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