इस्राइल हमले भारत की दिग्गज आईटी कंपनियों पर क्या असर डालेगा?

इस्राइल में कारोबार शुरू करने वाली पहली कंपनी बनने के बाद टीसीएस वहां कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इन में कई सरकारी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। कंपनी इस्राइल में जिन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है उनमें से एक निंबस है। इसके तहत इस्राइल की मिनिस्ट्री ऑफ इकोनॉमी, प्रधानमंत्री कार्यालय और वॉटर अथॉरिटी ने अपने क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़े कार्यों के लिए आईटी कंपनी को चुना है।

दुनिया की कई विकसित और विकासशील देशों की तरह भारतीय आईटी कंपनियों की मौजूदगी इस्राइल में भी है। इस्राइल दिनों आतंकी संगठन हमास के साथ जंग लड़ रहा है। ऐसे में भारत की कई आईटी कंपनियों का कारोबार प्रभावित हो सकता है। भारत की आईटी कंपनियां इस्राइल में वहां की कंपनियों के साथ साझेदारी में काम करती हैं। भारतीय कंपनियों ने इस्राइल में अपने दफ्तर और कर्मचारियों के साथ रिसर्च सेंटर भी खोल रखे हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन सी भारतीय आईटी कंपनियां इस्राइल में कारोबार करती हैं और उनपर इस्राइल और हमास के बीच का क्या असर पड़ा है?

टीसीएस
अप्रैल 2023 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो देश की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस के इस्राइल में लगभग 1100 कर्मचारी काम करते हैं। आईटी कंपनी ने इस्राइल में अपना कारोबार वर्ष 2005 में शुरू किया था। यह कंपनी इस्राइल में अपना काम शुरू कर मध्य एशियाई देश में कारोबार शुरू करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी थी।

इस्राइल में कारोबार शुरू करने वाली पहली कंपनी बनने के बाद टीसीएस वहां कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इन में कई सरकारी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। कंपनी इस्राइल में जिन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है उनमें से एक निंबस है। इसके तहत इस्राइल की मिनिस्ट्री ऑफ इकोनॉमी, प्रधानमंत्री कार्यालय और वॉटर अथॉरिटी ने अपने क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़े कार्यों के लिए आईटी कंपनी को चुना है। टीसीएस ने इस्राइल में जगुआर लैंड रोवर के साथ मिलकर अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक ओपन इनोवेशन प्रोग्राम की भी शुरुआत की है। टीसीएस ने ही साल 2020-21 में इस्राइल के पहले पूर्णतः डिजिटल बैंक का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया था।

विप्रो
इस्राइल में काम करने वाली दूसरी बड़ी आईटी कंपनी का नाम है विप्रो। कंपनी ने एक एयरक्राफ्ट का पार्ट बनाने वाली इस्राइली कंपनी एचआर गिवोन का 2016 में अधिग्रहण किया है। अधिग्रहण के बाद नई कंपनी का नाम विप्रो गिवोन रखा गया और यह एयरोस्पेस इंडस्ट्री में काम करती है। कंपनी के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक कंपनी इस्राइल के किरयत बियालिक इलाके में स्थित है और इसके 77 कर्मचारी है।

इंफोसिस
टीसीएस और विप्रो की तरह एक और दिग्गज भारतीय आईटी कंपनी की मौजूदगी इस्राइल में है। उस कंपनी का नाम है इंफोसिस। औद्योगिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए इंफोसिस ने इस्राइल के चीफ साइंटिस्ट के दफ्तर के साथ एक समझौता (एमओयू) साइन किया है। इंफोसिस की वेबसाइट के मुताबिक इस सरकारी सोझेदारी के अलावे इफोसिस इस्राइल में प्रत्यक्ष तौर पर कोई और काम नहीं कर रही है।

एचसीएलटेक
आईटी कंपनी एचसीएलटेक की भी इस्राइल में सीमित मौजूदगी है। मध्य पूर्व के देश में कंपनी के दो कार्यालय है। ये दफ्तर हर्जलिया और नेतान्या में स्थित हैं और कंपनी के मिडिल इस्ट फुट प्रिंट के हिस्सा हैं। फिलहाल भारत की आईटी कंपनियों पर इस्राइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का कोई असर नहीं पड़ा है। जानकार मानते हैं कि आने वाले समय में इस बात पर नजर रखनी होगी कि युद्ध इन कंपनियों के कारोबार पर कितना असर डालेगी।

इस्राइल में क्या चल रहा है?
बता दें कि बीते शनिवार को फलस्तीनी संगठन हमास ने इस्राइल पर रॉकेट हमला कर दिया था। हमले के बाद इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी थी। जिसमें अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। गाजापट्टी के आसपास के इलाकों में अब भी इस्राइल और हमास के बीच युद्ध जारी है।

 

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