
अभी-अभी: सामने आया पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हैरान करने वाला ये बड़ा राज…
डीपीआरके इंस्टीट्यूट फॉर अमेरिकन स्टडीज में रिसर्चर किम वांग हक ने एक लेख में कहा, ‘हम पहले ही कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि हम अपने सुरक्षा के लिए प्रतिक्रिया स्वरूप हमले करेंगे।
इसमें अमेरिकी द्वीप गुआम के पास पानी में मिसाइलों की बौछार भी शामिल है, जो कि डीपीआरके तक पहुंच के लिए अमेरिका का एडवांस बेस है, जहां अमेरिका के मुख्य अड्डे स्थित हैं।’
प्रशांत महासागर के छोटे से गुआम द्वीप पर अमेरिकी एयरफोर्स और नौसेना का एयरबेस है। उत्तर कोरियाई सरकार का मानना है कि अमेरिका इस द्वीप का इस्तेमाल कर उसके देश पर हमला कर सकता है।
उत्तर कोरियाई सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से किए जा रहे ट्वीट्स को उकसावा करार दिया है। बता दें कि उत्तर कोरिया द्वारा लगातार मिसाइल परीक्षण की वजह से उसके और अमेरिका के बीच हाल के महीनों में तनाव काफी बढ़ गया है।
अमेरिका कर रहा शक्ति प्रदर्शन
इस क्षेत्र में अमेरिका भी आए दिन शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। इसी हफ्ते यूएस बी-1बी स्ट्रैटजिर बॉम्बर्स ने दक्षिण कोरिया के ऊपर से उड़ान भरी थी। इन बॉम्बर्स के आगे-पीछे दक्षिण कोरिया के लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे थे।
ईस्ट एशिया पॉलिसी के लिए पेंटागन के पूर्व सीनियर एडवाइजर जिम स्कॉफ ने बताया कि बी-1बी विमानों का इस क्षेत्र में उड़ना न सिर्फ अमेरिकी रणनीति को दिखा रहा था बल्कि इसके जरिए वह गुआम से विमानों को उड़ाने का अभ्यास भी हो रहा था ताकि यह पहले से पता लग सके कि अगर उत्तर कोरिया कुछ करता है तो अमेरिका उसका जवाब कैसे देगा।
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