उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने शीर्ष संबोधन में अपने देश के परमाणु शस्त्रागार को मजबूत करने का वादा किया है। वह एक शीर्ष सत्तारूढ़ पार्टी की बैठक में संबोधन दे रहे थे। इसको लेकर राज्य मीडिया ने बुधवार को सूचित किया। बता दें कि ऐसा दृढ निर्णय जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण करने से पहले आया। रिपोर्ट के मुताबिक, किम आने वाले बाइडन प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए ऐसा कर रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है, अपने देश में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए सीमाओं को बंद करने के फैसले से यह दुनिया से बहुत दूर हो गया है।
फरवरी 2019 में हनोई में किम और निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक परमाणु शिखर सम्मेलन बेनतीजा रहा था। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच एटमी हथियार को लेकर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं हो सका।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने वर्कर्स पार्टी कांग्रेस के बयान को बताया, जो इस कदर था- कोरियाई परमाणु युद्ध निवारक को मजबूत करते हुए, हमें सबसे शक्तिशाली सेना बनाने के लिए सब कुछ करने की ज़रूरत है। उन्होंने बाइडन का नाम लिए बिना कहा कि डीपीआरके के प्रति हमारी नीति का वास्तविक इरादा कभी नहीं बदलेगा, चाहे जो कोई भी सत्ता में आए।
बताया गया कि उत्तर ने परमाणु-संचालित पनडुब्बी के लिए योजनाएं पूरी कीं, उन्होंने कहा – जो एक रणनीतिक गेम चेंजर के रूप में देखा जाएगा और हथियारों के लक्ष्यों की खरीदारी सूची पेश करेगा, जिसमें हाइपरसोनिक ग्लाइडिंग वॉरहेड, सैन्य टोही उपग्रह और ठोस अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हैं।