उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के साथ अपनी सत्ता गंवा चुकी समाजवादी पार्टी में समीक्षा और मंथन का दौर चल रहा है। पार्टी ने हार की समीक्षा के दौरान पहला कदम उठाते हुए अपना नारा बदलने का फैसला किया है।

पार्टी का नया नारा होगा- ‘आपकी साइकल सदा चलेगी आपके नाम से, फिर प्रदेश का दिल जीतेंगे हम मिलकर अपने काम से’। नए नारे से साफ है कि चुनावी हार के बाद भी अखिलेश पार्टी के सर्वेसर्वा बने रहना चाहते हैं और मुलायम और उनके करीबियों को फिर भी बड़ी और सक्रिय भूमिका मिलने की संभावना काफी कम है। ऐसे में पार्टी में एक बार फिर उठापटक देखने को मिल सकती है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह नारा समाजवादी पार्टी के पोस्टरों में नजर आया था, पर अब इसे आधिकारिक तौर पर अपना लिया गया है। उस वक्त परिवार में झगड़े के बाद मुलायम खेमे की नाराजगी चरम पर थी और अखिलेश बार-बार दोहरा रहे थे कि पार्टी उनके पिता मुलायम की ही है और हमेशा उन्हीं के नाम से चलेगी। उस वक्त अखिलेश कहा करते थे कि वह यूपी में फिर सरकार बना कर पिता मुलायम को तोहफा देंगे पर चुनाव में हार नसीब हुई।
अखिलेश की नजर अब 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है और उसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अभी से यह दिखाना शुरू कर दिया है कि पार्टी उन्हीं के हाथों में रहेगी। पार्टी के नए चुनावी नारे में अखिलेश की यह मंशा साफ नजर आ रही है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव की इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया आती है।
बता दें कि इस बीच अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने अलग-अलग नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुला ली है। अखिलेश यादव ने 28 तो मुलायम ने 29 मार्च को विधायकों की बैठक बुलाई है। इसके पहले विधानसभा चुनाव में हार पर मंथन करने के लिए बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुलायम सिंह यादव और शिवापल यादव शामिल नहीं हुए थे। उनका कोई करीबी नेता भी बैठक में नहीं पहुंचा था।
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