उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी का बहाव तेज है। गुरुवार को तेज बहाव के चलते सात कावड़िए गंगी नदी में बह गए। इन्हें आनन-फानन में सेना और पुलिस टीम के संयुक्त अभियान में बचाया गया। जानकारी के अनुसार, सभी कांवड़िए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदी भी उफान पर है।

सावन का महीना चल रहा है। लगभग दो साल बाद कांवड़ यात्रा की अनुमति मिली है। ऐसे में भारी संख्या में लोग भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन भी सतर्क है। अनहोनी से बचने के लिए चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। सेना के तैराक दल ने अबतक 18 कांवड़ियों को नदी में बहने से बचाया है। जोनल मजिस्ट्रेट ने कहा कि हम घाटों पर लोगों से तेज प्रवाह में ना जाने की अपील करते हैं।
प्रशासन का दावा
आठ दिन के कांवड़ मेले में अभी तक एक करोड़ 87 हजार कांवड़िए पहुंच गए हैं। गुरुवार को सबसे अधिक 35 लाख कांवड़ियों ने गंगा जल भरा। कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती ने बताया कि गुरुवार को 35 लाख कांवड़िए गंगा जल भरकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए।
हरिद्वार में लाखों डाक कांवड़ियों ने जमाया डेरा
धर्मनगरी में चारों तरफ शिवभक्तों की भीड़ नजर आ रही है। कांवड़ पटरी से पैदल जाने वाले शिवभक्त रवाना हो रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में डाक कांवड़ियों ने भी डेरा डाल दिया है। लाखों डाक कांवड़िए हरिद्वार पहुंच गए हैं। बैरागी कैंप पर हजारों बड़े वाहन खड़े हैं। हर तरफ बम-बम भोले के जयकारों की गूंज से शहर शिवमय हो गया है। हाईवे समेत शहर के अंदरूनी मार्गों पर भी कांवड़ियों की भीड़ नजर आ रही है।
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