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उत्तराखंड: केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक यात्री की खाई में गिरने से मौत

रुद्रप्रयाग : केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक यात्री की खाई में गिरने से मौत हो गई। यह दुर्घटना शनिवार देर रात को हुई। पुलिस ने शव को खाई से निकाल लिया है।

उत्तरकाशी : हृदयगति रुकने से यमुनोत्री में तीन यात्रियों की मौत

अभी चारधाम यात्रा को शुरू हुए महज छह दिन हुए हैं और यमुनोत्री व गंगोत्री धाम में हृदयगति रुकने से मरने वाले यात्रियों की संख्या दस पहुंच गई है। स्वास्थ्य संबंधी सबसे ज्यादा दिक्कतें यमुनोत्री धाम में सामने आ रही हैं। शनिवार को यमुनोत्री धाम में तीन और यात्रियों ने हृदयगति रुकने से दम तोड़ दिया। ये तीनों यात्री गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के हैं।

जानकारी के अनुसार गुजरात से आए जयेश भाई (41) स्वजन के साथ यमुनोत्री यात्रा पर आए थे। शनिवार को यमुनोत्री मंदिर के निकट अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई।

जब तक स्वजन ने जयेश भाई को अस्पताल पहुंचाया, तब तक वह दम तोड़ चुके थे। इसी तरह यमुनोत्री धाम जाते हुए भंगेली गदेरे के पास मुंबई निवासी देवश्री केदार जोशी (39) की तबीयत अचानक बिगड़ गई।

यमुनोत्री में अब तक आठ और गंगोत्री में दो व्यक्तियों की मौत

जब तक पति केदार जोशी समेत स्वजन देवश्री को चिकित्सक के पास ले जाते, तब तक वह दम तोड़ चुकी थीं। इसके अलावा मध्य प्रदेश के गढ़ाकोटा (सागर) निवासी ईश्वर प्रसाद (65) की मौत यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भैरव मंदिर के पास हुई। इसी के साथ यमुनोत्री में अब तक आठ और गंगोत्री में दो व्यक्तियों की मौत हृदयगति रुकने से हो चुकी है।

जरूरत उत्तरकाशी में, एंबुलेंस दून में

दावा चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने का किया गया, पर हकीकत इससे ठीक उलट दिख रही है। हालात देखिए कि उत्तरकाशी जिले की कार्डियक एंबुलेंस पिछले दो साल से दून मेडिकल कालेज में सेवा दे रही है। जबकि अब तक हृदयगति रुकने से दस यात्रियों की मौत हो चुकी है। इस स्थिति में जिले के अधिकारी स्वास्थ्य महानिदेशालय को पत्र भेज एंबुलेंस वापस भेजने का अनुरोध कर चुके हैं, पर आलाधिकारी इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे। वहीं, दून मेडिकल कालेज प्रशासन का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई निर्देश मिलते हैं, तो एंबुलेंस वापस भेज दी जाएगी।

वर्ष 2019 में उत्तरकाशी को कार्डियक एंबुलेंस प्रदान की गई थी। उक्त एंबुलेंस कुछ समय के लिए सीएचसी चिन्यालीसौड़ में तैनात थी, लेकिन तकनीकी स्टाफ की कमी के कारण इसका उपयोग नहीं किया जा सका। उक्त कार्डिएक एंबुलेंस को मार्च 2020 में कोरोनाकाल के दौरान महानिदेशालय भेजा गया था। तब से ये एंबुलेंस दून मेडिकल कालेज में सेवा दे रही है।

जबकि इस समय जिले में इसकी सख्त जरूरत है। दिल का दौरा पडऩे की स्थिति में कार्डिएक एंबुलेंस में मौजूद उपकरणों की मदद से मरीज को प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है। दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना का कहना है कि कोरोना के चरम पर रहते एंबुलेंस दी गई थी। स्वास्थ्य विभाग से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। जैसे भी निर्देश मिलेंगे उस अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।

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