उत्तरप्रदेश जल्द ही उत्तराखंड को उसकी सीमा में स्थित सिंचाई विभाग की जमीन का 25 फीसद देगा। साथ ही उत्तराखंड को ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों के पीपीएफ का 174 करोड़ समेत कुल 285.17 करोड़ भी दिए जाएंगे। वहीं उत्तरप्रदेश को 265 करोड़ का भुगतान उत्तराखंड की ओर से किया जाएगा।
लखनऊ में सचिवालय एनेक्सी में गुरुवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार के बीच परिसंपत्तियों व आस्तियों के बंटवारे को लेकर बैठक हुई। बैठक में कई अहम बिंदुओं पर सहमति बनी। पुनर्गठन प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने बताया कि उत्तरप्रदेश सिंचाई अभिकरण 3.9 करोड़ रुपये उत्तराखंड मत्स्य विभाग को देगा। इसीतरह उत्तरप्रदेश वन निगम की ओर से उत्तराखंड वन निगम को पहले चरण में 99 करोड़ देने पर सहमति बनी है। शेष धनराशि आयकर की देयता में कटौती कर अगले चरण में उत्तरप्रदेश देगा।
उत्तराखंड ने उत्तरप्रदेश के खाद्य विभाग को 105 करोड़ रुपये और ऊर्जा विभाग को बिजली बिल का 160 करोड़ रुपये देने पर रजामंदी दी है। वहीं उत्तरप्रदेश ऊर्जा विभाग की ओर से उत्तराखंड ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों के पीपीएफ का 174 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। उत्तरप्रदेश परिवहन विभाग उत्तराखंड को 8.27 करोड़ देगा।
यह तय किया गया कि मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना के लिए अविभाजित उत्तरप्रदेश के ऋण लेने और इसे परियोजना पर खर्च नहीं करने का मामला केंद्र सरकार को संदर्भित किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले बीती सात अप्रैल को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों व आला अधिकारियों के बीच देहरादून में सचिवालय में बैठक हुई थी। बैठक में कई बिंदुओं पर बनी सहमति के सिलसिले को आगे बढ़ाया जा रहा है।