खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से मिलावटखोरी के खिलाफ पहले चरण के विशेष अभियान में एक सप्ताह के भीतर 152 खाद्य नमूने जांच के लिए भेजे गए। जांच रिपोर्ट में गुणवत्ता खराब पाई जाने पर विक्रेता और निर्माता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देश पर एफडीए ने नवरात्र पर्व पर विशेष अभियान शुरू किया। एफडीए आयुक्त एवं सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। मिठाई व दूध डेयरी उत्पादों में मिलावट की शिकायतें मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
किसी भी सूरत में मिलावट करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभियान के तहत 30 सितंबर तक विभिन्न खाद्य उत्पादों के 152 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए। दुकानों में निरीक्षण के दौरान 195 किलो पनीर, 150 किलो दूध से बने उत्पाद, 4500 किलो फलों का पल्प, 200 किलो. मिठाई नष्ट की गई। छह व्यापारियों के नोटिस जारी किए गए।
त्योहार खुशियों और मिलन का समय होते हैं। मेरी प्राथमिकता यह है कि हर घर की थाली शुद्ध रहे और हर परिवार की खुशियां सुरक्षित रहें। जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं होगा। विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मिलावटखोरों के खिलाफ बिना किसी रियायत के कठोर कार्रवाई की जाए।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई
एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा, त्योहारों के दौरान मिलावटखोरों की सक्रियता को देखते हुए विभाग ने पहले से ही विशेष रणनीति बनाई है। प्रत्येक जनपद स्तर पर गठित टीमें मिठाई, दूध, खोया, घी, तेल, मसाले और अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर लैब में भेजे जा रहे हैं। दोषी पाए जाने वालों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मुख्यालय स्तर से अभियान की निरंतर निगरानी की जा रही है। दीपावली तक अभियान जारी रहेगा।