प्रदेश के सबसे बड़े दुग्ध संघ के दूध की बिक्री और उपार्जन भी घटा है। उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन 13 जिलों के दुग्ध संघों के माध्यम से दूध का उपार्जन करता है।
आबादी बढ़ने के साथ दूध की खपत में भी बढ़ोतरी हुई है लेकिन चिंता की बात है कि प्रदेश के सबसे बड़े दुग्ध संघ के दूध की बिक्री और उपार्जन भी घटा है। उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन 13 जिलों के दुग्ध संघों के माध्यम से दूध का उपार्जन करता है। फेडरेशन दुग्ध संघ के माध्यम से आंचल ब्रांड के नाम से उत्पाद बेचता है। दुग्ध संघ बिक्री और उपार्जन करने का कार्य करता है|
फेडरेशन के आंकड़ों की बात करें तो अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक दुग्ध संघों ने 188926 प्रति किलोग्राम प्रतिदिन के हिसाब से दूध का उपार्जन किया। अप्रैल 2023 से सितंबर 2023 तक यह उपार्जन घटकर 169476 प्रति किलोग्राम प्रतिदिन रह गया।
वहीं बिक्री की बात करें तो अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक दुग्ध संघों ने प्रतिदिन के हिसाब से 164340 प्रति किलोग्राम दूध बेचा। अप्रैल 2023 से सितंबर 2023 तक यह बिक्री घटकर 156078 प्रति किलोग्राम प्रतिदिन रह गई।
इन दुग्ध संघ की दूध बिक्री पिछले साल की तुलना में आई कमी
- नैनीताल 5.71 प्रतिशत
- ऊधमसिंह नगर 15.54 प्रतिशत
- अल्मोड़ा-बागेश्वर 6.29 प्रतिशत
- चंपावत 5.33 प्रतिशत
- उत्तरकाशी 1.10 प्रतिशत
- चमोली 6.45 प्रतिशत
इन दुग्ध संघ के दूध उपार्जन में पिछले साल की तुलना में आई कमी
- नैनीताल 8.56 प्रतिशत
- ऊधमसिंह नगर 24.88 प्रतिशत
- अल्मोड़ा 2.13 प्रतिशत
- बागेश्वर 6.52 प्रतिशत
- पिथौरागढ़ 1.27 प्रतिशत
- देहरादून 17.49 प्रतिशत
- पौड़ी 4.26 प्रतिशत