प्रदेश में जमीन का सर्किल रेट बढ़ने से जमीनों के दाम में इजाफा होने वाला है। विभाग में चल रही कवायद के तहत अर्द्धशहरी इलाकों में सर्किल रेट बढ़ाए जाने के प्रबल आसार हैं।
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पांच से 20 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है। साथ ही उन इलाकों में सर्किल रेट कम किए जाने का भी प्रस्ताव है जहां अधिक सर्किल रेट होने की वजह से जमीन की खरीद-फरोख्त का कारोबार पूरी तरह से ठप है।
विभाग में चल रही कवायद के तहत अर्द्धशहरी इलाकों में सर्किल रेट बढ़ाए जाने के प्रबल आसार हैं। इन इलाकों में 10 फीसदी तक सर्किल रेट बढ़ाया जा सकता है।
मैदानी इलाकों में औसतन पांच से 10 फीसदी तक बढ़ोतरी
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब डेढ़ साल से सर्किल रेट में परिवर्तन नहीं हुआ है। पिछले सरकार में सर्किल रेट का प्रस्ताव तैयार था। मगर चुनाव के चलते तत्कालीन सरकार ने इसे स्थगित कर दिया। त्रिवेंद्र सरकार सर्किल रेट का निर्धारण करने की पूरी तैयारी में है।
कैबिनेट लगाएगी मुहर
सचिव वित्त अमित नेगी ने सभी जिलाधिकारियों से सर्किल रेट की नई दरों के प्रस्ताव मांगे थे। स्टांप शुल्क एवं निबंधक विभाग के मुताबिक, सभी जनपदों से प्रस्ताव पहुंच चुके हैं।
इन प्रस्तावों के आधार पर शासन के प्रस्ताव तैयार हो चुका है। इस प्रस्ताव पर शासन में सचिव स्तर की एक बैठक होगी। प्रस्ताव पर मंथन के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
इनकम बढ़ाने के लिए सरकार के पास सर्किल रेट बढ़ाने के सिवाय कोई चारा भी नहीं है। सूत्रों की मानें तो जमीन की मौजूदा सर्किल दरों में इतनी असमानता है कि कई इलाकों में भूमि की खरीद-फरोख्त पूरी तरह से ठप है।
इसकी मार सरकार को भी पड़ी है। पिछले दो साल में स्टांप और पंजीकरण शुल्क की कमाई में गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश में 2.18 लाख रजिस्ट्री हुई थी। इससे सरकार को 882 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। 2016-17 में रजिस्ट्री की संख्या एक लाख 74 हजार रह गई।
इससे राजस्व घटकर 779 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस वित्तीय वर्ष में भी पहली तिमाही की इनकम तय लक्ष्य से नौ फीसदी कम रही है। इसलिये सरकार सर्किल रेट बढ़ाकर राजस्व लक्ष्य को हासिल करना चाह रही है।
जिलों से नए सर्किल रेट के प्रस्ताव पहुंच गए हैं। इसका प्रस्ताव फाइनल कर मैं इसे एक-दो दिन में शासन को भेज दूंगा। सर्किल रेट वास्तविकता के आधार पर तय किए गए हैं। ये बताना संभव नहीं है कि सर्किल रेट में कितनी बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि कहीं सर्किल रेट बढ़ाए गए हैं तो कहीं कम भी हुए हैं। बाजार सर्वे के हिसाब से दरों का निर्धारण हुआ है। प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो सरकार के राजस्व में न्यूनतम 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक इजाफा होगा।
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