उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी है। रात से ही दून समेत कई हिस्सों में तेज बारिश हो रही है। सड़कें तालाब बन गई है, जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 31 जुलाई तक मौसम के मिजाज में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। विभाग ने 28 और 29 जुलाई के लिए देहरादून और नैनीताल समेत सात जिलों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है। इससे पहले मंगलवार को बारिश से कुछ हद तक राहत मिली। इसी के साथ लोक निर्माण विभाग की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में बाधित मार्गों को सुचारु करने में जुटी है। हालांकि अब भी प्रदेश में मलबे से करीब 80 संपर्क मार्ग बंद हैं।
प्रदेश में शनिवार से जारी बारिश का सिलसिला मंगलवार सुबह तक जारी रहा। हालांकि इसके बाद पहाड़ से लेकर मैदान तक आसमान में बादलों का डेरा रहा, लेकिन बारिश थमी रही। इससे आम जन ने भी राहत की सांस ली है। पहाड़ों में जगह-जगह मलबा आने से सड़कें बंद होने के चलते आवश्वयक सामाग्री की आपूर्ति भी बाधित हुई है। प्रदेश में करीब तीन सौ गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। कुमाऊं में भी हालात गढ़वाल मंडल की तरह ही हैं। चम्पावत जिले में टनकपुर-चम्पावत हाईवे चौथे दिन भी बंद रहा। पिथौरागढ़ जिले का उच्च हिमालयी दारमा मार्ग 41 दिन से बंद है। इससे तीन दर्जन गांव अलग-थलग पड़े हैं।
देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को प्रदेश में देहरादून और नैनीताल के अलावा उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी से भारी बारिश हो सकती है। वहीं शुक्रवार और शनिवार को कुमाऊं के नैनीताल, चम्पावत और पिथौरागढ़ में भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी कर इन दिनों में नदी किनारे की बस्तियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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