पिछले कुछ दिन से उत्तराखंड में जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं वह चिंता का विषय है। इससे एक ओर जहां मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहीं रिकवरी व डबलिंग रेट भी प्रभावित हुआ है। इस बीच राहत की बात यह कि संक्रमण दर में गिरावट आई है। बीती 17 जून को जहां संक्रमण दर 4.67 फीसद थी, वह अब 4.04 प्रतिशत तक आ गई है। बता दें, पिछले दो-तीन सप्ताह से रोजाना दो हजार या इससे अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं और इतने ही सैंपलों की जांच भी हर दिन की जा रही है। गुरुवार को तो साढ़े छह हजार से अधिक सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। अधिक सैंपल की जांच होने से मामले बेशक बढ़े हैं, वहीं निगेटिव आए सैंपलों का संख्या इससे कई गुना अधिक है। जानकार यह मान रहे हैं ज्यादा जांच होगी, तो ज्यादा मामलों की पहचान होगी। इससे एक बारगी स्थिति भयावह जरूर लगेगी, पर भविष्य की आशंकाओं को समाप्त करने के लिए यह जरूरी है।
कुल मिलाकर 13 जनपदों से अब तक जिन 102653 सैंपलों की कोरोना जांच हुई है उसके हिसाब से संक्रमण दर चार फीसद के करीब है। अभी तक की स्थिति देखें तो टिहरी में संक्रमण दर सबसे अधिक यानी 9.19 फीसद रही है। जबकि नैनीताल 5.96 प्रतिशत संक्रमण दर के हिसाब से दूसरे नंबर का जिला रहा है। ऊधमसिंहनगर, देहरादून व हरिद्वार में भले ही संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, पर यहां भी वायरस का संक्रमण कम है। वहीं, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़ व चंपावत जनपद में वायरस का संक्रमण दर सबसे कम है।
जनपद-संक्रमण दर
- टिहरी-9.19 प्रतिशत
- नैनीताल-5.96 प्रतिशत
- अल्मोड़ा-4.61 प्रतिशत
- ऊधमसिंहनगर-4.17 प्रतिशत
- बागेश्वर-3.83 प्रतिशत
- देहरादून-3.79 प्रतिशत
- हरिद्वार-3.54 प्रतिशत
- रुद्रप्रयाग-2.60 प्रतिशत
- पौड़ी-2.55 प्रतिशत
- उत्तरकाशी-2.46 प्रतिशत
- चमोली-2.31 प्रतिशत
- पिथौरागढ़-2.16 प्रतिशत
- चंपावत-1.89 प्रतिशत