उत्तराखंड सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पर अफसरों की लापरवाही से संकट पैदा हो गया है। एनएमसी (राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग) को 100 सीटों की मान्यता के लिए निरीक्षण कराने को आवेदन पूर्ण रूप से नहीं किया गया। इसके चलते अब तक एनएमसी की टीम सत्र 2021-22 की मान्यता को निरीक्षण के लिए नहीं आई है। जब आवेदन सही से न किये जाने का पता चला तो विगत 15 सितंबर को कॉलेज द्वारा आवेदन किया गया।
एनएमसी की ओर से 23 सितंबर को चिट्ठी भेजकर कहा गया है कि प्राथमिक आवेदन के दौरान 26 नवंबर 2020 को चार लाख 13 हजार रुपये फीस जमा कराई गई। लेकिन आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से लेटर ऑफ एकनोलिजमेंट कॉलेज को नहीं दिया गया। इसके अभाव में अकादमिक सत्र 2021-22 के लिए एनएमसी के द्वारा निरीक्षण नहीं किया जाएगा। अब सत्र 2022-23 के लिए नया आवेदन करने के लिए कहा गया है। नये आवेदन के साथ अब दोबारा से फीस जमा करनी होगी और पुरानी फीस जब्त हो जाएगी। सरकार चुनावी साल में इस कॉलेज को शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रही थी, जिसके चलते दून, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज 31 डाक्टरों को अल्मोड़ा भेजा गया था। अब एनएमसी की चिट्ठी से इस साल मान्यता पर संकट पैदा हो गया है। कई डाक्टर छुट्टी लेकिन दून और हल्द्वानी आ गये हैं। एनएमसी की चिट्ठी से कॉलेज, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय और शासन के अफसरों में हड़कंप मचा है, कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
केंद्रीय मंत्री की शरण में सरकार 
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को इस सत्र में ही मान्यता के लिए केवल एक ही रास्ता बचा है कि केंद्र सरकार इन पर कुछ फैसला ले। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत भी अफसरों के साथ मिले थे। बताया गया है कि कई अन्य मंत्रियों से भी सरकार के स्तर पर बात की गई है। उधर, कई राज्यों के कई मेडिकल कॉलेजों के ऐसे मामले हैं, ऐसे में एक मेडिकल कॉलेज के बारे में कोई फैसला लेने से पहले तमाम कॉलेजों के बारे में विचार करना होगा।
एक माह से निरीक्षण का इंतजार
सितंबर की शुरूआत से ही अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में मान्यता को एनएमसी के निरीक्षण का इंतजार किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय से अपर निदेशक डा. आशुतोष सयाना, संयुक्त निदेशक डा. संजय गौड़ खुद बारी-बारी से कई दिनों तक अल्मोड़ा में डेरा डाले रहे। कॉलेज के प्राचार्य डा. सीपी भैसोडा भी तमाम फैकल्टी के साथ तैयारियों में जुटे हैं। यहां पर आईपीडी एवं ऑपरेशन भी प्रभावित है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर निदेशक डा. आशुतोष सयाना का कहना है कि  प्राचार्य द्वारा एनएमसी में अपील की गई है। नीट का रिजल्ट भी अभी जारी नहीं हुआ है। इसीलिए एनएमसी के दल के निरीक्षण करने की उम्मीद बनी हुई है। प्राचार्य एवं सभी फैकल्टी द्वारा सभी तैयारियां की गई है।
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