नई दिल्ली: महिलाओं और लड़कियों में पीरियड्स के दौरान वजन बढ़ना लाजमी है. महीने के उन दिनों में लड़कियों के शरीर में तमाम तरह की शारीरिक प्रॉब्लम होती है जैसे पेट दर्द, कमर दर्द, उल्टी आना. साथ ही पीरियड्स के दौरान बैचेनी रहती है. ऐसा हॉर्मोनस में बदलाव होने की वजह से होता है. इन प्रॉब्लम से बचने के लिए पीरियड्स के दौरान भूलकर भी यह काम नहीं करने चाहिए.वरना हो सकती है बड़ी समस्य
बहुत सी ऐसी लड़कियां व महिलाएं होती हैं जिन्हें पीरियड्स शुरू होने के कुछ दिन पहले से ही अपने शरीर में भारीपन यानि कि वजन बढ़ने का एहसास हो होने लगता है इस प्रक्रिया को ही ब्लोटिंग या वॉटर रिटेंशन कहते है. यह प्रक्रिया कई महिलाओं को पीरियड्स होने के लगभग 10 दिन पहले ही महसूस होने लगती है. साथ ही उन्हें इस समय ब्रेस्ट टेंडरनेस जैसी अन्य असुविधाएं भी महसूस होती हैं। जिन महिलाओं को निर्धारित समय से लेट पीरियड्स होते हैं उनमें भी यह समस्या देखी जाती है
हॉर्मोनल चेंज की वजह से पीरियड्स के दौरान लड़कियों का मूड चिड़चिड़ा हो जाता है किस समय उनका मूड ख़राब हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता. उन दिनों महिलाएं बहुत चूजी हो जाती हैं कपडें से लेकर खाने पीने तक उनकी हर चीज में बदलाव साफ दिखता है. इस समय लड़कियां ज्यादातर स्पाइसी फूड खाना पसंद करती हैं.
पीरियड्स के दौरान के महिलाओं को अपने खाने में नमक की मात्रा कम करनी चाहिए. पीरियड्स के वक्त जितना हो संतुलित डाइट लें और अधिक से अधिक फलों का सेवन करें, खटी चीजों को इन दिनों नजरअंदाज करें.